(ओमप्रकाश शर्मा) : जयपुर। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारों को दिल्ली पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर वाहवाही लूटने वाली जयपुर कमिश्नरेट की एसआईटी की बड़ी चूक सामने आई है। लॉरेंस गैंग को राजू ठेहट व सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के लिए हथियार उपलब्ध कराने वाला कोटा को हिस्ट्रीशीटर महेंद्र कुमार उर्फ समीर एसआईटी की लापरवाही के कारण फरार हुआ था।
सूत्रों का दावा है कि एसआईटी के पुलिसकर्मियों ने जब जगतपुरा इनकम टैक्स कॉलोनी स्थित महेंद्र के फ्लैट पर दबिश दी थी, तब महेंद्र अपार्टमेंट में ही मौजूद था। जब पुलिसकर्मी अपार्टमेंट के अंदर घुसे तो महेंद्र अपने फ्लैट में गया। पुलिसकर्मियों के फ्लैट में आने से पहले ही वह छत पर चला गया और वहां से नजदीकी घर पर कूदकर फरार हो गया। इसी दरम्यान एसआईटी के पुलिसकर्मी महेंद्र के फ्लैट में मौजूद पूजा सैनी से ही पूछताछ की खानापूर्ति करने बैठे गए। ऐसे में महेंद्र वहां से आसानी से फरार हो गया।
पुलिस ने माना था कि महेंद्र के पास एके-47 समेत कई हथियार थे और वह गैंग को हथियार उपलब्ध कराता था। इसकी एवज में दुबई में बैठे रोहित गोदारा और नेपाल में बैठे वीरेंद्र चारण से मोटी रकम लेता था। महेंद्र व पूजा खुद शूटरों तक हथियार पहुंचाते थे। एनआईए ने पड़ोसी के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज लिए है। इसमें महेंद्र की भागने के फुटेज है। एनआईए डीवीआर जब्त की है।
बदमाश पर दो लाख का इनाम
एसआईटी की लापरवाही से फरार हुआ महेंद्र आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उस पर दो लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच अब एनआईए कर रही है।
फौजी ने पूछताछ में किया था खुलासा
पड़ताल में सामने आया कि पुलिस ने गोगामेड़ी की हत्या के मामले में नितिन फौजी व रोहित राठौड़ को गिरफ्तार किया था। नितिन फौजी ने पूछताछ में खुलासा किया था कि उसको जगतपुरा में रहने वाले महेंद्र व पूजा ने उनके फ्लैट पर पनाह दी थी। महेंद्र ने ही नितिन की गोदारा व वीरेंद्र से फोन पर बातचीत कराई थी और उनके कहने पर हथियार पर उपलब्ध कराए थे। इसके बाद में आरोपी महेंद्र व पूजा को गिरफ्तार करने के लिए टीम बनाई थी, लेकिन टीम की लापरवाही के कारण महेंद्र फरार हो गया। हालांकि पुलिस ने पूजा को गिरफ्तार कर लिया था।
क्या था मामला
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की 5 दिसंबर को शूटर नितिन फौजी व रोहित राठौड़ ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके हत्या कर दी थी। वारदात के दौरान आरोपियों के साथ आए नवीन की भी गोली लगने से मौत हो गई थी और गोली लगने से घायल हुए अजीत की भी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
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