Lohri 2024: नया साल आने वाला है और इस साल कई त्योहार पड़ रहे हैं। नए साल में पहला त्योहार लोहड़ी है, जो जनवरी में आएगा। लोहड़ी का त्योहार हर्षोल्लास से भरा, जीवन में नई स्फूर्ति, एक नई ऊर्जा, आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाला होता है। पापंरिक रूप से लोहड़ी सौर वर्ष से जुड़ा हुआ था जो सर्दी में सोलस्टिक के साथ शुरू होता है। यह त्योहार सूर्य देव और अग्नि देवता को समर्पित है। लोहड़ी की रस्में अलाव, नृत्य, दावत और पूजा के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
कब है लोहड़ी?
बता दें कि लोहड़ी त्योहार को दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल मंक्रर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले आता है। हर साल की तरह वर्ष 2024 में लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा। लोहड़ी का त्योहार 2024 में 13 जनवरी, शनिवार को है।
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लोहड़ी का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल लोहड़ी का मुहूर्त – शाम 05:34 बजे से रात 08:12 बजे तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त की अवधि – 2 घंटे 38 मिनट रहेगी।
संक्रांति क्षण शाम 07:55 बजे रहेगा।
कैसे मनाते हैं लोहड़ी का पर्व?
लोहड़ी के दिन लोग देवताओं को धन्यवाद देने के लिए पवित्र अलाव जलाते हैं। इस अवसर पर लोहड़ी गीत गाए जाते हैं। पवित्र अलाव में मूंगफली, पॉपकॉर्न और अन्य प्रसाद का भोग लगाते हैं। लोहड़ी उत्सव में मक्के की रोटी, सरसों दा साग, गुड़ और गजक जैसे खाद्य पदार्थ दावत में शामिल होते हैं। साथ ही लोहड़ी के दिन दान करना भी शुभ माना जाता है। विशेष रूप से जरूरतमंद लोगों को भोजन, धन, कपड़े आदि का दान भी दिया जाता है।
लोहड़ी पर्व मनाने के पीछे ये मान्यता
लोहड़ी के पर्व को मनाने के पीछे मान्यता है कि आने वाली पीढ़ियां अपने रीति-रिवाजों एवं परम्पराओं को आगे ले जा सकें। जनवरी महीने में ठंड होती है। ऐसे में आग जलाने से शरीर को गर्मी मिलती है। वहीं गुड़, तिल, गजक, मूंगफली आदि के खाने से शरीर को कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं। लोहड़ी शब्द की उत्पत्ति तीन शब्दों से मिलकर हुई है, इसमें ल से लकड़ी, ओ से उपले और डी से रबडी यह तीनों ही इस पर्व का मुख्य आकर्षण होते हैं। लोहड़ी के अवसर पर नवजात शिशु और नव विवाहित महिलाओं को आशीष भी दिया जाता हैं। जिससे घर में सुख शांति बनी रहे।
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