जयपुर। प्रदेश में वन संपदा की सुरक्षा अब और मजबूत हो सकेगी। पिछले दिनों वन विभाग में हुई नई भर्तियों के बाद प्रदेश के जंगलों के संरक्षण का कार्य सुलभ तरीके से हो सकेगा। दरअसल वन विभाग की ओर से वनपाल और वनरक्षकों के 1822 पदों पर नियुक्ति दी गई है। इनमें वनरक्षक भर्ती 2020 के कुल 2646 पदों में से 1701 चयनितों को हाल ही में नियुक्ति देते हुए डिविजनों में लगाया गया है। इनमें 1283 नॉन टीएसपी और 418 टीएसपी क्षेत्रों के पद शामिल हैं। इसी तरह विधानसभा चुनाव से पहले वनपाल भर्ती 2020 के 121 चयनित वनपालों को भी नियुक्ति दी गई है। इसमें 79 नॉन टीएसपी और 42 टीएसपी क्षेत्रों के पद शामिल हैं।
इस तरह वन महकमें में इतने सारे पदों पर वनकर्मियों की नियुक्ति होने से वनों की सुरक्षा की कमी से जूझ रहे विभाग को अब राहत मिल सकेगी। वन क्षेत्रों की सुरक्षा का मेरुदंड माने जाने वाले इन दोनों पदों के भरने से वन संपदा के साथ वन्यजीवों की भी बेहतर सुरक्षा सुनिश्चत होगी। अब वन नाकों और वन क्षेत्रों के मुख्य पाइंटों पर वनकर्मियों की गश्त मजबूत हो सकेगी। इससे वन क्षेत्रों में होन वाली अवैध गतिविधियों पर लगाम कसेगी।
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सर्दियों में बढ़ जाती है पेड़ों की अवैध कटाई और वन्यजीवों का शिकार
सर्दी के समय ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ियों को ईंधन के रूप में काम लिया जाता है। इसके चलते पेड़ों की अवैध कटाई बढ़ जाती है। वहीं शिकारियों की ओर से वन्यजीवों को निशाना बनाने की वारदातें भी सामने आती रहती हैं। ऐसे में वनकर्मियों की नियुक्ति के बाद अब वन्य क्षेत्र में गश्त बढाई जा सकेगी। इससे पेड़ों की अवैध कटाई वन्यजीवों के शिकार व आगजनी जैसी गतिविधियों की रोकथाम हो सके गी। इसके साथ ही नए कार्मिकों की नियुक्ति से अभ्यारण्य के संचालन में भी सुगमता मिल सकेगी।
जयपुर को मिले 12 वनपाल व 96 वनरक्षक
वन विभाग की नई भर्ती से जयपुर जिले को 108 वन कर्मी उपलब्ध हुए हैं। इसमें 12 वनपाल व 96 वन रक्षकों की नियुक्ति की गई है। जयपुर में इन कार्मिकों की नियुक्ति होने से वन अभ्यारण्य और वनक्षेत्रों की सुरक्षा मजबूत हो सके गी। वन विभाग अवैध कटाई करने वाले प्वाइंटों को चिह्नित कर वहां गश्त व्यवस्था मजबूत करेगा, जिससे जंगलों की माकू ल सुरक्षा हो सके गी। वन विभाग में भर्ती में चयनित इन अभ्यथियों को विभाग की ओर से वन सुरक्षा का आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसमें इन्हे वनसंपदा की सुरक्षा के गुर सिखाए जाएं गे। वनरक्षकों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जबकि वन पाल का 6 माह का प्रशिक्षण राजस्थान वानिकी एं व वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान में चल रहा है। हाल ही वन रक्षकों को तो सीधे ही ड्यूटी पर लगाया गया है। इन्हें प्रशिक्षण बाद में दिलवाया जाएगा।
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इन कार्यों पर रहेगा नए कार्मिकों का फोकस
-प्रतिबंधित और अन्य प्रयोजनों के लिए राज्य भूमि के उपयोग की निगरानी करना
-वनों की कटाई को रोकना
-खतरे में पड़े जीव-जंतुओं और वनस्पतियों का संरक्षण करना
-वृक्ष चिह्निकरण करते हुए वन सूची का रख-रखाव करना
-वन सीमा चिह्नों की मरम्मत और नवीनीकरण करना
-आपातकालीन स्थितियों पर प्रतिक्रिया देना और खोज एवं
-बचाव अभियानों में भाग लेना
-रिपोर्ट संकलित करना और पूरा करना
-पेड़ों के बीज एकत्र करना और पेड़ों की पौध उठाना व रोपना