Rajasthan Assembly : जयपुर। राजस्थान की नवगठित 16वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू होगा। दो दिवसीय पहले सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। राज्यपाल कलराज मिश्र ने सत्र बुलाने की स्वीकृति दे दी है। सत्र के पहले दिन नव निर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, दूसरे दिन स्पीकर का चुनाव होगा और सीएम भजनलाल शर्मा भी शपथ लेंगे। लेकिन, खास बात ये है कि इस बार विधानसभा में कई नए परिवर्तन दिखाई देंगे।
राजस्थान के सियासी इतिहास में 25 साल के बाद पहली बार ऐसा होगा जब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत सदन के अंदर किसी भूमिका में नहीं होंगे। राजे और गहलोत दोनों में से कोई भी नेता सदन नहीं होगा। यानी ढाई दशक बाद नेता सदन की कुर्सी पर इस कोई तीसरा नेता बैठेगा, पहली बार के विधायक हैं। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष कई बार के विधायक हैं।
25 साल में सदन की कुर्सी पर होगा नया चेहरा
बता दे कि 25 साल के इतिहास में यही देखने को मिला की कभी वसुंधरा राजे तो कभी अशोक गहलोत। गहलोत के सीएम पद से हटते ही वसुंधरा राजे सीएम बन जाती थी। लेकिन, इस बार बीजेपी ने सीएम चेहरा बदल दिया है। विधानसभा में 25 साल में ऐसा पहली बार होगा जब दो पूर्व मुख्यमंत्री सदन में होंगे। लेकिन, सदन की कुर्सी पर नया ही चेहरा दिखाई देगा। विधानसभा अध्यक्ष रहे सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ चुनाव हार गए हैं, तो वो दोनों सदन से नदारद रहेंगे।
मंत्रिमंडल के गठन से पहले विधायकों की शपथ
प्रदेश में यह संभवत पहला मौका है, जब मंत्रिमंडल के गठन से पहले विधायकों की शपथ हो रही है। यहीं नहीं संभवत भजनलाल शर्मा पहले ऐसे विधायक हैं, जो विधायक से पहले मुख्यमंत्री के तौर पर विधानसभा पहुंचेंगे। इससे पहले नई विधानसभा का पहला सत्र जनवरी में होता आया है, इसलिए सत्र से पहले मंत्रिमंडल का गठन हो जाया करता था। इस बार विधायकों की शपथ पहले हो रही है।
तीन योगी पहली बार विधानसभा में, 9 विधायक हैं पीएचडी धारक
पहली बार तीन संतों ने विधानसभा चुनाव जीता है। बालक नाथ, महंत प्रतापपुरी और बालमुकुंद आचार्य पहली बार विधायक बने हैं। इस बार 50 से कम उम्र के 67 विधायक चुनाव जीते हैं। पिछली बार 80 विधायक चुनाव जीतकर आए थे। 50 से ज्यादा के 132 हो गए हैं, जबकि पिछली बार मात्र 119 ही चुनाव जीत सके थे। 47 विधायक इस बार 10वीं या इससे कम पढ़े हैं, पिछली बार 36 थे। पीएचडी धारक मात्र 9 विधायक ही इस सदन में हैं।
72 नेता पहली बार बने विधायक
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें है। जिनमें से 199 सीटों पर चुनाव हुआ था और बीजेपी ने 115, कांग्रेस ने 69 व निर्दलीय विधायकों ने 15 सीटें जीती थी। वहीं, एक सीट करणपुर पर 5 जनवरी को वोटिंग होने वाली है। खास बात ये है कि इस बार 72 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं। जिनमें से बीजेपी के 46, कांग्रेस के 19 और 7 निर्दलीय विधायक हैं।
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