जयपुर। राजस्थान में आज नए मुख्यमंत्री अपने पद व गोपनीयता की शपथ लेंगे। इससे पूर्व गुरुवार को दिनभर सियासी गलियारों में नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर खासी चर्चा रही। वहीं दिल्ली से लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय तक नव नियुक्त होने वाले मंत्रियों को लेकर आला नेताओं के साथ मंथन शुरु हो चुका है। दूसरी ओर नए मंत्रिमंडल गठन को लेकर यदि भाजपा मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का फॉर्मूला अपनाती है तो प्रदेश में भी फिलहाल मंत्री मंडल गठन की कवायद को फिलहाल रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में भी पूर्व वसुंधरा राजे के शपथ ग्रहण समारोह होने के कई दिन बाद में मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। बहरहाल, अभी भाजपा आलाकमान ने मंत्रियों के गठन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसको लेकर सियासी चर्चा जोरों पर है।
उधर मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा बुधवार को आमजन और नेताओं के साथ मुलाकात के बीच सेवा सदन भी पहुंचे थे। यहां शपथ ग्रहण समारोह में बुलाए जाने वाले अतिथियों के साथ ही नए मंत्रिमंडल को लेकर प्रारंभिक चर्चा भी हुई। इस बार मंत्रिमंडल का स्वरूप लोकसभा चुनाव के अनुसार रखा जाएगा, ताकि पार्टी को चुनाव में इसका फायदा मिल सके।
चेहरों पर फिर चौंकाएगी भाजपा!
भाजपा ने तीनों ही प्रदेशों में मुख्यमंत्री फे स चौंकानें वाले लाए हैं। अब इन प्रदेशों में मंत्रिमंडल के गठन में भी यही फार्मूला अपना सकती है। मुख्य विभागों में किस विधायक को कौनसा मंत्री बनाया जाता है ये देखने वाला होगा।
मंत्री मंडल में अभी और बनने हैं 27 मंत्री
राजस्थान विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 200 है। ऐसे में 15 प्रतिशत के हिसाब से 30 मंत्री बनाए जाने हैं। सीएम और डिप्टी सीएम की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में अब 27 और मंत्री बनाए जाने हैं। हालांकि पहले फेज में 12 या 13 मंत्रियों को ही शपथ दिलाई जा सकती है।
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