Rajasthan CM Face: राजस्थान के अलावा सीएम फेस को लेकर बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग कर सकती है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल जाति जनगणना, ओबीसी और अन्य वंचित वर्गों को अपना मोहरा बना कर चुनाव में मुद्दा बना सकते हैं। इसलिए बीजेपी ने अभी से ही अपने फैसलों में इसकी काट ढूंढनी शुरू कर दी है।
सीएम चेहरे से लोकसभा चुनाव तक संदेश
तीन राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन में बीजेपी का आधार माने जाने वाले सामान्य वर्ग के साथ-साथ अब पार्टी दलित, आदिवासी और पिछड़े चेहरों को भी आगे कर एक संदेश देने की कोशिश कर सकती है। जिस तरह से तीनों राज्यों में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है, उससे पता चलता है कि पार्टी को सभी जातियों का वोट मिला है। इसीलिए बीजेपी मुख्यमंत्रियों के चयन में ‘सोशल इंजीनियरिंग का गुलदस्ता’ पेश कर सकती है।
राजस्थान पर सभी की निगाहें
अगर बीजेपी राजस्थान में सामान्य वर्ग से मुख्यमंत्री बनाती है तो संतुलन बनाए रखने के लिए डिप्टी सीएम पद पर दलित और ओबीसी चेहरों की ताजपोशी की संभावना जाहिर की जा रही है। जिस तरह से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओबीसी और एसटी वर्ग के चेहरों को आगे बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं, उससे राजस्थान ही एकमात्र ऐसा राज्य बचा है, जहां पार्टी अपने बेस वोट बैंक को मजबूत करने के लिए सामान्य वर्ग के चेहरों को आगे बढ़ा सकती है।
आज VC के जरिए नड्डा का संवाद
राजस्थान में रविवार को विधायक दल की बैठक सकती है। इससे पहले आज जेपी नड्डा विधायकों से VC के जरिए संवाद करेंगे। इधर, राजस्थान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे बड़े नेता को पर्यवेक्षक बनाने के मायने तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह का कद सुचारु सत्ता हस्तांतरण के लिए उपयुक्त है।