Rajasthan Assembly Election Result 2023 : जयपुर। विश्वविद्यालय छात्रसंघों की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद प्रदेश की राजनीति में उतरे युवाओं को प्रदेश की जनता ने इस बार हाथों हाथ लिया है। प्रदेशभर में सात विधायक ऐसे चुने गए हैं जो शुद्ध रूप से छात्रसंघ राजनीति की उपज हैं और युवाओं से सीधा कनेक्शन रखते हैं। इनमें तीन पूर्व विधायक भी हैं। चार को पहली बार विधानसभा जाने का मौका मिला है।
बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी, ललित यादव, अभिमन्यु पूनिया, मनीष यादव पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने है। वहीं, कैलाश वर्मा, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया दूसरी बार विधायक चुने गए है। इन सात नेताओं ने अपने करियर की शुरूआत छात्रसंघ राजनीति से की थी और अब प्रदेश के सियासत में रंग जमाते नजर आएंगे।
ये पहली बार बने विधायक
रविन्द्र सिंह : शिव विधानसभा क्षेत्र में रविन्द्र सिंह भाटी इस चुनाव में एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और पूर्व विधायक फतेह खान को 3950 वोट से हराया। बता दें कि साल 2019 में रविंद्र भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन, एबीवीपी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। तब जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 57 साल के छात्रसंघ चुनावी इतिहास में पहली बार कोई निर्दलीय चुनाव जीतकर छात्रसंघ अध्यक्ष बना था।
ललित यादव : मुंडावर विधानसभा से चुनाव जीतकर ललित यादव पहली बार विधायक बने है। ललित यादव ने भाजपा के मंजीत चौधरी को 35624 वोट से मात दी। बता दे कि साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस से टिकट नही मिलने पर ललित यादव ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोकी थी। हालांकि, वो चुनाव हार गए थे। लेकिन, अच्छी बात ये रही थी कि अपने क्षेत्र में युवाओं के चहेते ललित यादव दूसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन, अपने दूसरे प्रयास में ललित यादव विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए है।
अभिमन्यु पूनिया : संगरिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर अभिमन्यु पूनिया पहली बार विधायक बने है। अभिमन्यु ने भाजपा के गुरदीप सिंह को 42010 वोट से हराकर जीत हासिल की। संगरिया के अभिमन्यु पूनिया कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है।
मनीष यादव : शाहपुरा में पिछले चुनाव में हार का मुंह देख चुके मनीष यादव ने इस बार निर्दलीय आलोक बेनीवाल को 64908 वोट के भारी अंतर से पटखनी दी। मनीष यादव साल 2010 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे और फिर धीरे-धीरे राजस्थान की राजनीति में सक्रिय होते चले गए। क्षेत्र में रक्तदान शिविर लगाकर युवाओं के चहेते बने मनीष यादव ने 2018 में भी विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, वो हार गए थे और निर्दलीय प्रत्याशी व पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला के बेटे आलोक बेनीवाल को जीत मिली थी।
ये दूसरी बार बने विधायक
कैलाश वर्मा : कैलाश वर्मा 2013 में बगरू से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की गंगादेवी को 45250 वोट से शिकस्त दी।
मुकेश भाकर : लाडनूं विधानसभा सीट से मुकेश भाकर दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। भाजपा के करणी सिंह को उन्होंने 15954 वोट से हराया।
रामनिवास गावड़िया : परबतसर से रामनिवास गावड़िया भी दूसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने भाजपा के मानसिंह किनसरिया को 10316 वोट से हराया।
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