टोक्यो। प्रशांत महासागर क्षेत्र में 30 अक्टूबर को पानी के भीतर हुए ज्वालामुखी विस्फोट ने एक नए द्वीप को जन्म दिया है। विस्फोट के बाद जापान के इवो जीमा द्वीप के तट पर चट्टान के विशाल टुकड़े देखे गए। इस पर जापानी शोधकर्ता ने बताया कि पिछले महीने पानी के नीचे हुए ज्वालामुखी विस्फोटों के बाद टोक्यो से करीब 1,200 किलोमीटर दक्षिण में इवोटो द्वीप के पास एक छोटा सा नया द्वीप उभरा है। टोक्यो विश्वविद्यालय के भूकंप अनुसंधान संस्थान में प्रोफेसर फुकाशी मेनो ने बताया है कि प्रशांत क्षेत्र में इवोटो द्वीप से 1 किमी दूर 100 मीटर व्यास वाले एक चट्टानी द्वीप पर फ्रीटोमैग्मैटिक विस्फोट हुआ।
द्वीप के आकार में हो सकती है बढ़ोतरी
प्रोफे सर फु काशी मेनो ने कहा कि विस्फोट से कम से कम दो स्थानों पर समुद्र की सतह टूट गई। विस्फोट इवो जीमा के दक्षिणी सिरे पर हुए, लेकिन विस्फोट स्थल के उत्तर में भी चट्टानें जमा हो गईं, जिससे 330 फीट चौड़ा एक गोल और ऊबड़-खाबड़ द्वीप बन गया।
इस नए द्वीप के आसपास के पानी का रंग बदल गया। ये झांवा नाम की चट्टानों से अटा पड़ा है, जो ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान बनती हैं। ये विस्फोट जमीन के अंदर एक जादुई गतिविधि को दर्शाता है। अगर से विस्फोट जारी रहे तो नए द्वीप के बड़ा होने की उम्मीद है।
कब-कब हुए थे धमाके
इवोटो द्वीप ओगासावारा द्वीप समूह का हिस्सा है। जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार इस क्षेत्र में पहले जुलाई और दिसंबर 2022 और फिर इस साल जून में भी विस्फोट हुए। एजेंसी का मानना है कि हालिया ज्वालामुखी विस्फोट 21 अक्टूबर को शुरू हुए, जिनके नतीजे में 30 अक्टूबर को ये छोटा सा नया द्वीप पैदा हुआ है।
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