Gold Purchasing: फेस्टिव सीजन धनतेरस और दिवाली पर हर कोई सोना-चांदी खरीदने की चाह रखता है। अगर आप भी सोने-चांदी की ज्वैलरी या बिस्किट खरीदने का मन बना रहे है तो संभलकर फैसला लें। सोना-चांदी से खरीदने के लिए ऑफर्स के चक्कर में ना पड़कर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं त्योहारी सीजन में सोना-चांदी खरीदते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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- सोना की खरीदारी करने से पहले अपने बजट को निर्धारित कर लें। आवेश में आकर खरीदारी करने से बचें, जिससे आपका बजट ना बिगड़े। निर्धारित करें कि आप सोना क्यों खरीद रहे हैं। फिर उसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु सोने के बिस्किट, सिक्के या फिर गहने खरीदें।
- सौने की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। 24 कैरेट शुद्ध सोना होता है। आप ये तय करें कि जो सोना आप खरीद रहे हैं उसकी शुद्धता कितने कैरेट की है। यह 24 कैरेट का है या फिर 22 या 18 का। खरीदने से पहले तय कर लें कि आपको कौनसा सोना लेना है। फिर उसकी तसल्ली करके ही खरीदें कि जिस कैरेट के आप दाम चुका रहे हैं सोना उसी कैरेट का है या नहीं।
- अगर आप सोने के गहने खरीद रहे हैं तो हॉलमार्किंग की जांच जरूर कर लें। हॉलमार्किंग अब अनिवार्य है। मिलावटी सोने की बिक्री रोकने को भारत सरकार ने हॉलमार्किंग जरूरी की है। इसलिए ज्वेलरी खरीदते वक्त इस अनिवार्य चीज की जांच जरूर करें।
- सोने-चांदी के भाव आए दिन घट बढ़ रहे हैं। इसलिए सोना खरीदने से पहले तय कर लें कि आज का भाव कितना है। कहीं ऐसा ना हो कि जिस दिन सोना खरीद रहे हैं उस दिन कीमत कम हो और ज्वैलर इसका फायदा उठाकर आपको महंगे दाम पर सोना थमा सकता है।
5. ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज बहुत ज्यादा होता है। यह शुल्क एक समान भी नहीं होता। हर ज्वैलर्स के मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए जब भी गहनों की खरीदारी करें, मेकिंग चार्ज के बारे में जरूर पूछ-परख कर लें। मेकिंग चार्ज को लेकर ज्वैलर से पहले तय पाई कर लें ताकि आपके चूना ना लगे।
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