डूंगरपुर। ‘आज के बाद मैं कोई गलती नहीं करूंगी… माई प्रॉमिस। माफ करना, मां, पापा, भाई और रोहित।’ डूंगरपुर के मेडिकल कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा ने अपनी हथेली में ये आखिरी शब्द लिखकर सुसाइड कर लिया।
राजस्थान में स्टूडेंट सुसाइड केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला डूंगरपुर से सामने आया है जहां मेडिकल कॉलेज छात्रा ने हॉस्टल की छठी मंजिला से कूदकर अपनी जान दे दी है।
मृतका सुधांशी सिंह (21) पुत्री अल्बेल सिंह जाटव निवासी विजयनगर भरतपुर निवासी है। सुधांशी सिंह डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। सुधांशी ने सुसाइड से पहले अपनी हथेली पर उसके परिवार के लिए संदेश लिखा था।
हिंदी मीडियम की वजह से डिप्रेशन में थी छात्रा
बताया जा रहा है कि छात्रा सुधांशी सिंह डिप्रेशन में थी। हिंदी मीडियम की छात्रा एमबीबीएस में इंग्लिश सिलेबस की वजह से भी अधिक तनाव में आ गई थी। एग्जाम और पढ़ाई को लेकर तनाव के चलते उसने छलांग लगा दी।
छात्रा सुधांशी सिंह ने सुसाइड से पहले अपनी हथेली पर लिखा-आज के बाद मैं कोई गलती नहीं करूंगी माई प्रॉमिस मां-पापा, भाई और रोहित लिखा हुआ था। बेटी की मौत खबर सुनकर भरतपुर से गुरुवार को पिता अल्बेल सिंह जाटव, अंकल सहित परिवार के लोग पहुंचे। पिता अल्बेल सिंह एक निजी स्कूल में टीचर हैं।
पिता बोले-हमेशा पढ़ाई में होशियार थी बेटी…
मृतका के पिता अलबेल सिंह ने बताया कि उनकी बेटी सुधांशी हमेशा से पढ़ने में होशियार थी। वह हिंदी मीडियम में पढ़ी थी। एमबीबीएस में इंग्लिश सिलेबस के कारण भी उसे थोड़ी परेशानी हो रही थी। जिस वजह से वह बीच में ही एमबीबीएस छोड़ना चाहती थी, लेकिन उसकी उदयपुर में काउसलिंग करवाकर फिर से रखा। परीक्षा को लेकर थोड़ा तनाव में थी। इसे लेकर हॉस्टल की छठी मंजिल से कूदकर खुदकुशी की संभावना जताई जा रही है, हालाकि पिता ने सुधांशी की मौत को लेकर और किसी दूसरे कारण को लेकर साफ मना कर दिया है।
हॉस्टल की छत से कूदकर दी जान…
वहीं हॉस्टल के अन्य छात्राओं ने बताया कि सुधांशी सिंह हॉस्टल के कमरे में अकेली रहती थी। बुधवार सुबह कुछ छात्रों ने उसे वॉशरूम जाते हुए देखा जिसके बाद वह अपने कमरे में वापस गई और बालकनी से कूदकर जान दे दी। जैसे ही वह तेज आवाज के साथ गिरी, अन्य छात्राओं ने आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया। उसकी खोपड़ी फट गई थी।
अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। सदर थानाधिकारी प्रभुलाल ने भी पढ़ाई को लेकर तनाव की वजह से खुदकुशी की बात बताई है। फिलहाल पुलिस घटना को लेकर जांच कर रही है।
राजस्थान में इस साल 27 छात्रों ने किया सुसाइड…
राजस्थान में स्टूडेंट सुसाइड केस रुक नहीं रहे हैं। इस साल अबतक 27 छात्रों की मौत हो चुकी है जो अबतक सबसे ज्यादा है। राज्य सरकार ने सभी कोचिंग सेंटरों और संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस साल राज्य भर में ऐसे मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। संस्थानों को गिरने से बचने के लिए सुरक्षा जाल लगाने, छत के पंखों में स्प्रिंग लगाने और छात्रों को नियमित रूप से सलाह देने के लिए कहा गया है।