बलूचिस्तान। पाकिस्तान में शुक्रवार को 2 जगहों पर एक के बाद एक लगातार 3 धमाके हुए। पहला धमाका बलूचिस्तान में एक मस्जिद के पास हुआ। यह बम धमाका इतना भीषण था कि मस्जिद का बड़ा हिस्सा ढह गया। इसमें एक डीएसपी समेत 55 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 लोग घायल हुए हैं। हमले के वक्त लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के लिए इकट्ठा हो रहे थे।
वहीं दूसरा और तीसरा धमाका खैबर पख्तूनख्वा के हांगू शहर की मस्जिद और एक पुलिस स्टेशन में हुआ। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक धमाके बाद मस्जिद का बड़ा हिस्सा ढह गया और बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे दब गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही फिदायीन हमले थे। यहां एक पुलिस अधिकारी सहित 4 लोगों की मौत हो गई। एक पुलिस अफसर ने बताया कि धमाके के बाद मस्जिद की छत गिर गई। यहां 30-40 लोग मलबे में फंस गए हैं। 12 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
बलूचिस्तान में 3 दिन का शोक…
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने पूरे प्रांत में 3 दिन के शोक का ऐलान किया है। बलूचिस्तान में एक्टिव आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी ने कहा है कि इस विस्फोट के पीछे उनका हाथ नहीं है। इसके अलावा पूरे पाकिस्तान में ईद-ए-मिलाद को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बलूचिस्तान धमाके में घायल लोगों का इलाज कराएगी सरकार…
पहला धमाका बलूचिस्तान के मस्तुंग शहर में हुआ। यहां के असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि धमाका डीएसपी नवाज गिशकोरी की कार के पास हुआ। जियो न्यूज के मुताबिक, हमले में जिस पुलिस ऑफिसर की मौत हुई है वो डीएसपी नवाज ही हैं। बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जन अचकजई ने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया है। जरूरत पड़ी तो उन्हें कराची शिफ्ट किया जाएगा। घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
सूचना मंत्री बोले- बलूचिस्तान में शांति भंग कर रहे दुश्मन…
सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- हमारे दुश्मन विदेशी ताकतों की मदद से बलूचिस्तान में धार्मिक जगहों को निशाना बनाकर शांति भंग करना चाहते हैं। इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। बलूचिस्तान में सरकार के मंत्रियों और दूसरे कई नेताओं ने हमले की निंदा की है।
पाक पीएम और राष्ट्रपति ने की हमले की निंदा…
पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकड़ ने भी मस्जिद के पास हुए हमले की निंदा की है। काकड़ ने मरने वालों के परिजन के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को घायलों को हरसंभव मदद पहुंचाने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दुख जताया है।
जुलाई में भी हुआ था ऐसा ही आत्मघाती हमला…
इस महीने की शुरुआत में भी मस्तुंग में एक ब्लास्ट हुआ था। इसमें जेयूआई-एफ के लीडर हफीज हमदुल्लाह सहित 11 लोग घायल हुए थे। वहीं, जुलाई में खैबर पख्तूनख्वा में एक पॉलिटिकल रैली के दौरान आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 23 बच्चों सहित करीब 54 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।