नई दिल्ली। त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले एक बार फिर लोग कपड़ों की शॉपिंग पर निकल पड़े हैं। लोग पार्टी वियर से लेकर नार्मल और ऑफिस आने-जाने के सभी तरह के कपड़े, जूते और ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं। लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। लोग अंडरवियर या इनरवियर नहीं खरीद रहे हैं। जी हां, आपने सही सुना। यह हम नहीं बल्कि रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अंडरवियर की खरीद में भारी गिरावट देखी गई है।
जॉकी से लेकर डॉलर और रूपा की सेल्स में भारी कमी देखी गई है। ऐसे में सवाल उठता है की क्या अब भारत के लोग इनरवियर नहीं खरीद रहे हैं? या फिर लोगों ने महंगाई बढ़ने के चलते अंडरवियर खरीदने बंद कर दिए हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है।
दरअसल, फेस्टिव सीजन की शॉपिंग के दौरान फैशनेबल कपड़ों की बिक्री तो बढ़ी है। वहीं अंडरवियर की बिक्री नही बढ़ी। इनरवियर के लीडिंग ब्रांड्स जॉकी, डॉलर, रूपा से लेकर कोई भी ब्रांड क्यों न हो सबकी सेल गिर गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों, महिलाओं और पुरुषों सभी सेगमेंट में इस केटेगरी के कपड़ों की सेल न के बराबर है।
महंगाई से गिरी इनरवियर की सेल
इसकी मुख्य वजह है महंगाई। जी हां, भारत में महंगाई इतना हाल बिगाड़ दिया है कि लोगों ने अपने इनरवियर ही लेने बंद कर दिए हैं। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि दिसंबर 2022 की आखिरी तिमाही में अंडरवियर के इस्तेमाल में 55 फीसदी तक की कमी आ गई। वहीं FY24 की पहली तिमाही में जॉकी का टोटल रेवेन्यू 28 फीसदी और वॉल्यूम वृद्धि 31 फीसदी तक हुई है। इस तिमाही के दौरान, मैक्रो प्रतिकूल परिस्थितियों और बाजार की स्थितियों ने कुछ चुनौतियों का सामना किया। जिसके कारण साल-दर-साल अंडरवियर की खरीद में मामूली गिरावट आई। जो पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में रेवेन्यू में 7.5 फीसदी की गिरावट और क्वांटिटी में 11.5 फीसदी की गिरावट के रूप में उभरी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सेल में गिरावट का बड़ा कारण ये भी हो सकता है की बढ़ती महंगाई से लोगों के पास खर्च करने योग्य रकम नहीं बच रही हो। साथ ही भारतीय ऑनलाइन मार्केटिंग को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इसका कारण है की उन्हें ऑनलाइन स्टोर्स पर ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा है।
वहीं, लोकल दुकानदारों का कहना है कि मल्टी ब्रांड आउटलेट (एमबीओ) उतना स्टॉक नहीं खरीद रहे जितना वो पहले खरीदते थे। जो खरीद रहे हैं उसका भुगतान भी देरी से कर रहे हैं जिससे उत्पादकों की वर्किंग कैपिटल पर भी असर पड़ रहा।
इन कंपनियों की बिक्री घटी
दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में जॉकी और लक्स इंडस्ट्रीज की पैरेंट कंपनी पेज इंडस्ट्रीज (Page Industries) की बिक्री में तिमाही आधार पर कमी देखने को मिली। वहीं, Rupa & Co. ने वॉल्यूम में 52 फीसदी कमी की सूचना दी है। पिछले डेढ़ साल में रूपा का शेयर 52 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। पेज इंडस्ट्रीज के वॉल्यूम में 11 फीसदी और शेयर के भाव में पांच फीसदी तक की कमी आई है।
आने वाला समय होगा चुनौतीपूर्ण
रिपोर्ट के मुताबिक, आम तौर पर जॉकी के अंडरवियर की बिक्री शहरी मार्केट में होती है। ऐसे में इस मार्केट में जब बिक्री के ट्रेंड में गिरावट देखने को मिलती है तो संकेत मिलते हैं कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में भविष्य में भी अंडरवियर की बिक्री में कमी जारी रहती है तो इससे इस बात के संकेत मिलेंगे कि इकोनॉमी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
भारत में कितना है इनरवियर मार्केट
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक, भारत में इनरवियर का मार्केट 5.8 बिलियन डॉलर या 48,123 करोड़ के होने का अनुमान है। पुरुष और महिला केटेगरी के इनरवियर का इसमें कंट्रीब्यूशन 39 फीसदी और 61 फीसदी है।