kota sucide case : कोटा। गहलोत सरकार और जिला प्रशासन द्वारा तमाम प्रयास करने के बावजूद भी कोटा में कोचिंग स्टूंडेंट्स की सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। कोटा में अब एक और कोचिंग स्टूडेंट ने खुदकुशी कर ली है। मृतका छात्रा रिचा सिन्हा कोटा में पांच महीने से नीट की तैयारी कर रही थी।
जानकारी के मुताबिक झारखंड के रांची की रहने वाली 16 वर्षीय छात्रा रिचा सिन्हा पांच महीने से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी। वह इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स स्थित हॉस्टल में रह रही थी। जिसने मंगलवार रात खुदकुशी कर ली।
पुलिस के मुताबिक इस घटना का पता उस वक्त चला जब देर शाम तक छात्रा अपने कमरे से बाहर नही निकली। उसके साथियों ने काफी देर तक उसका दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद हॉस्टल संचालक को बुलाया गया।
हॉस्टल संचालक सहित सभी स्टूडेंट्स आनन-फानन में छात्रा को लेकर तलवंडी स्थित निजी अस्पताल पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही विज्ञान नगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट किया। वहीं, पुलिस ने मृतका के परिजनों को सूचना भिजवाई। आज परिजनों के आने के बाद शव को पोस्टमार्टम किया जाएगा। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
सीएम गहलोत सहित कोटा प्रशासन के प्रयास बेअसर!
बता दें कि कोटा में हो रहे सुसाइड को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कमेटी बनाई है। जिसमें कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, माता-पिता और डॉक्टर समेत सभी हितधारक शामिल है। कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम गहलोत सौंपेगी। दो महीने तक रूटीन टेस्ट आयोजित करने पर भी रोक लगाई गई है।
कोटा में पुलिस की ओर से एक खास तरह का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने कोटा में स्टूडेंट सेल नाम से एक हेल्पलाइन शुरू की है। इस हेल्पलाइन का कार्य कोचिंग, हॉस्टल, मैस आदि के आस पास रहना और स्टूडेंट्स से बातचीत करना है। उनकी समस्याएं जानना, उनका समाधान तलाश कर उनका तनाव दूर करना है। इसके बावजूद भी कोटा में मौताें का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
9 महीने में सामने आए 25 मामले
कोटा में मंगलवार रात एक और छात्रा की खुदकुशी के बाद इस साल मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। कोटा में जनवरी से लेकर अब तक कोटा में 25 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके है। अगस्त महीने में ही 6 स्टूडेंट की जान गई है। बड़ी बात यह है कि इन 25 में से 8 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें कोचिंग में दाखिला लिए छह महीने भी पूरे नहीं हुए थे। कोटा में औसतन हर महीने तीन छात्र खुदकुशी करते हैं। बता दें कि साल 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी। कोटा में साल 2015 से 2019 के बीच कुल 80 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था।
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