Jaipur Ambulance Workers Strike: राजस्थान में चुनावों से ठीक पहले एम्बुलेंस चालक हड़ताल पर उतर गए हैं जहां बुधवार को भी प्रदेश भर में 108 एम्बुलेंस के चालकों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी है. एम्बुलेंस कर्मियों से लगातार सरकार के स्तर पर वार्ता हो रही है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है.
वहीं अब जानकारी मिली है धरना स्थल पर पुलिस का जाब्ता बढ़ाया गया है जिसके बाद धरना दे रहे कर्मचारियों को वहां से हटाया भी जा सकता है और एम्बुलेंस गाड़ियां वापस ली जाएगी. मालूम हो कि चालक जेएलएन रोड़ पर बैठे हैं. वहीं एम्बुलेंस के पहिए थमने के बाद मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इधर हड़ताल से मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार के मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने 1100 एम्बुलेंस की सेवाएं 108 में शामिल करने का फैसला किया है जिनमें 1100 एम्बुलेंस एनएचएआई, हॉस्पिटलों में लगी सामान्य एम्बुलेंस और ममता एक्सप्रेस और 104 जननी एक्सप्रेस में लगी एम्बुलेंस शामिल की गई है.
हेल्थ डिपार्टमेंट कर रहा इंतजाम
वहीं हेल्थ डिपार्टमेंट की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने वीसी के जरिए सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने के आदेश दिए हैं जिसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जिलों में उपलब्ध सभी एंबुलेंसों को 108 सेवा से जोड़ने को कहा गया है.
वहीं एसीएस के मुताबिक 108 सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ड्राइवरों की जिलेवार भर्तियां भी शुरू की गई है और पड़ोसी राज्यों से भी ड्राइवर बुलवाए जा रहे हैं.
क्यों नाराज हैं एंबुलेंस कर्मचारी?
बता दें कि राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि राजस्थान में हर दिन करीब 3 हजार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को 108 और 104 एंबुलेंस की सेवाएं दी जाती है और 108 सर्विस की जयपुर सहित प्रदेशभर में 750 एम्बुलेंस चलती है.
शेखावत का कहना है कि एंबुलेंस कर्मचारी पिछले कुछ सालों से ठेका प्रथा खत्म करने, एंबुलेस कर्मचारियों को संविदाकर्मी कमेटी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं जिन पर कोई समाधान नहीं हो रहा है. वहीं एंबुलेस कर्मचारियों ने पिछले एक महीने में कई ज्ञापन भी दिए हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है.