अब INDIA की जगह होगा भारत! क्या देश का अंग्रेजी नाम खत्म कर देगी मोदी सरकार?

विशेष सत्र बुलाने को लेकर लगातार कयासों का बाजार गर्म है। सभी के मन में प्रश्न है कि आखिर सरकार विशेष सत्र में क्या करने वाली है। इस सत्र को बुलाने के संबध में फिलहाल सरकार की तरफ से कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति के एक लेटर को लेकर सियासत गर्मा गई है।

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जयपुर। विशेष सत्र बुलाने को लेकर लगातार कयासों का बाजार गर्म है। सभी के मन में प्रश्न है कि आखिर सरकार विशेष सत्र में क्या करने वाली है। इस सत्र को बुलाने के संबध में फिलहाल सरकार की तरफ से कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है। लेकिन इस बीच राष्ट्रपति के एक लेटर को लेकर सियासत गर्मा गई है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस संबध में एक ट्वीट भी किया है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जी-20 सम्मेलन के सम्मान में जो डिनर आयोजित किया गया है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। इस बीच अब विशेष सत्र में इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने की भी चर्चा तेज हो गई है।

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प्रेसिडेंट ऑफ भारत

दरअसल, राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा गया था, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। इसको लेकर अब कांग्रेस ने केंद की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस संबध में ट्वीट भी किया।

जयराम रमेश का ट्वीट

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि तो ये खबर वाकई में सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। अगर संविधान के आर्टिकल 1 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि भारत जो कि इंडिया है एक राज्यों का समूह होगा। अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है।

संविधान में देश का नाम क्या है?

देश के संविधान के अनुच्छेद 1 में ही देश का नाम अंकित है। इसमें कहा गया है कि “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा”। यह संविधान का एकमात्र प्रावधान है जो बताता है कि देश को आधिकारिक तौर पर क्या कहा जाएगा। इसी आधार पर देश को हिंदी में ‘भारत रिपब्लिक’ और अंग्रेजी में ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ लिखा जाता है।

इंडिया की जगह भारत का बिल होगा पेश ?

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस दौरान अमृत काल से जुड़े विषयों पर चर्चा करने की बात कही गई है। हालांकि अभी तक कोई निश्चित एजेंडा सामने नहीं आया है। यही वजह है कि तरह-तरह की बातें हो रही हैं। विशेष सत्र के दौरान कयास लगाए जा रहे हैं कि एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण बिल, इंडिया की जगह भारत जैसे बिल या प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं।

इंडिया की जगह भारत शब्द का हो इस्तेमाल- भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागत फिर अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए है। मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान देशवासियों से इंडिया की जगह भारत शब्द इस्तेमाल करने की बात कही थी। इस पीछे भागवत ने तर्क दिया कि इस देश का नाम सदियों से भारत रहा है इस लिए हमें देश को भारत कहना चाहिए इंडिया नहीं।

https://34.93.52.144/india/news/make-a-habit-of-using-the-word-bharat-and-not-india-rss-chief-mohan-bhagwats-appeal-to-the-people-121360.html

सीएम हिमंत ने किया ट्वीट

जब रिपब्लिक ऑफ भारत को लेकर चर्चा बढ़ने लगी और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं तो असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी एक्स (ट्वीट) पर खुशी जताई है। उन्होंने लिखा- रिपब्लिक ऑफ भारत, भारतीय गणराज्य को खुशी और गर्व है कि हमारी सभ्यता साहसपूर्वक अमर युग की ओर बढ़ रहा है।

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