Jal Jeevan Mission : जयपुर। देश की सबसे बड़ी पेयजल योजना जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिकंजा कसने में जुटी हुई है। राजस्थान में जलजीवन मिशन योजना से जुड़े ठेकेदारों और अधिकारियों के ठिकानों पर दो दिन तक चली छापेमारी की कार्रवाई के दौरान ईडी ने 2.32 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी और 64 लाख रुपए की सोने की ईंट जब्त की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को यह जानकारी दी है। साथ ही कहा कि छापेमारी समाप्ति के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी रहेगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को अधिकृत बयान जारी कर कहा कि जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर ईडी ने शुक्रवार और शनिवार को जयपुर, अलवर, नीमराणा, बहरोड़ और शाहपुरा सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। ईडी ने राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की प्राथमिकी को आधार बनाकर छापेमारी की। श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक और ठेकेदार पदम चंद जैन के ठिकानों पर छापेमारी हुई। इसके अलावा श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के संचालक महेश मित्तल और अन्य के ठिकानों पर रेड डाली।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि टेंडर के बिल पास कराने के लिए रिश्वत का लेनदेन होता था। ठेकेदारों को सरकारी कर्मचारियों का अवैधानिक संरक्षण प्राप्त था। ऐसे में अनेक टेंडर में भी गड़बड़ी होने की आशंका है। हरियाणा से चुराए गए माल के टेंडर में किए गए कार्यों में उपयोग का भी आरोप है। दो दिन चली छापेमारी में 2.32 करोड़ की नकदी सहित करीब 64 लाख रुपए एक किलो सोना भी जब्त किया गया है। इसके अलावा हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन आदि अनेक 19 डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। ईडी के अधिकारी जब्त दस्तावेज व डिजिटल उपकरणों की विस्तृत जांच में जुटे हुए है।
ईडी ने दो दिन तक की थी छापेमारी
राजस्थान में जलजीवन मिशन योजना से जुड़े ठेकेदारों और अधिकारियों के 17 ठिकानों पर ईडी ने दो दिन तक छापेमारी की थी। छापेमारी की कार्रवाई शनिवार को पूरी हुई थी। अहम दस्तावेज जब्त करने के बाद ईडी की टीमें शनिवार शाम वापस लौट गईं थी। ईडी की दिल्ली, गुजरात और राजस्थान की टीमों ने जयपुर, अलवर और झुंझुनूं जिलों में रेड डाली थी। पहले दिन ईडी ने करीब 2.5 करोड़ की नकदी, एक किलो विदेशी मार्का का सोना और प्रॉपर्टी में करोड़ों रुपए निवेश के दस्तावेज जब्त किए थे। वहीं, दूसरे दिन इस मामले से जुड़े ठेकेदार व कुछ अधिकारियों बयान लिए थे। साथ ही कई दस्तावेज भी जब्त किए थे। अब ईडी के अधिकारी दस्तावेज की विस्तृत पड़ताल करेंगे और जलजीवन मिशन योजना से जुड़े ठेकेदारों और अधिकारियों के घोटाले उजगार करेंगे।
अधिकारियों को रिश्वत लेते पकड़ा था एसीबी ने
गौरतलब है कि जेजेएम योजना में घोटाले को लेकर एसीबी ने पिछले महीने ही कार्यवाही की थी। एसीबी ने 6 अगस्त को जलजीवन मिशन से जुड़े दो अधिकारियों, बहरोड़ के एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराना के जेईएन प्रदीप, ठेकेदार पदम चंद जैन, उसकी कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह और एक अन्य को जयपुर के होटल पोलोविक्ट्री में रिश्वत राशि रंगे हाथ लेते हुए गिरफ्तार किया था।
राज्यसभा सांसद मीणा ने भी दर्ज करवाई थी शिकायत
बता दे कि जलजीवन मिशन योजना के तहत राजस्थान में पानी की पाइप लाइन खरीद से लेकर इस योजना के क्रियान्वयन में व्यापक घोटाले को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी ईडी में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पाइप लाइन आपूर्ति के टेंडर्स आवंटन में गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। मीणा का आरोप था कि राजस्थान में जेजेएम योजना में 20,000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। इस मामले में मीणा ने श्री श्याम ट्यूबवैल कंपनी, श्री गणपति ट्यूबवैल कंपनी और ठेकेदार पदम चंद जैन के खिलाफ टेंडर प्रक्रिया में लेने का आरोप लगाया था।
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