वॉशिंगटन। किसी जीव में सिर्फ उसके जिंदा रहने तक ही हरकत होती है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक अनोखी मछली का पता लगाया है। इस मछली की खासियत है कि यह मरने के बाद भी अपने परिवेश के हिसाब से रंग को बदल सकती है। वैज्ञानिकों ने नए अध्ययन में हॉगफिश (Hogfish) नाम की मछली की खोज की है, जिसे लैचनोलाईमस मैक्सिमस के नाम से जाना जाता है।
इसकी खास बात है कि ये मरने के बाद भी अपना रंग परिवेश के हिसाब से बदलती है। इस अध्ययन से विशेषज्ञों को हॉगफिश मछली के विकास, आवास और अन्य व्यवहारों के साथ-साथ तेजी से बदलाव करने की क्षमता के बारे में समझने में मदद मिली।
शोधकर्ताओं ने कहा कि समुद्र में कई ऐसे जीव हैं जो अपना रंग बदल सकते हैं। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के शोधकर्ताओं के मुताबिक उनके शरीर की कोशिकाओं, जिन्हें क्रोमैटोफोरस कहा जाता है में रंग द्रव्य, क्रिस्टल या छोटी परावर्तक प्लेटें होची हैं, जो इन्हें रंग बदलने में सक्षम बनाती हैं।
रिसेप्टर्स देते हैं फीडबैक
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रक्रिया में त्वचा रंग देने वाले क्रोमैटोफोर के नीचे एसडब्ल्यूएस1 नामक प्रकाश रिसेप्टर्स शामिल हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि रिसेप्टर्स मछलियों को फीडबैक देते हैं कि उनकी त्वचा के विभिन्न हिस्सों में कहां और कैसे परिवर्तन हो रहे हैं।’ शोधकर्ताओं ने कहा कि इन जीवों की त्वचा आंखों की ही तरह प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती है। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि यह आंख का काम नहीं करती है।
पाई जाती है अटलांटिक महासागर में
समुद्र की चट्टान में रहने वाली मछली आमतौर पर उत्तरी कै रोलिना से ब्राजील तक अटलांटिक महासागर में पाई जाती है। ये खुद को दुश्मनों से बचाने और शायद अपने पार्टनर को संकेत देने के लिए ऐसा करती हैं। वैज्ञानिक यह देख हैरान रह गए कि मरने के बाद भी इनके रंग बदलते हैं। विशेषज्ञों ने मछली के विभिन्न हिस्सों पर प्रकाश के प्रभाव को निर्धारण के लिए माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया।
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