Chandrayaan-3: नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के टच पॉइंट का नाम शिव शक्ति रखे जाने पर अब राजनीति शुरू हो गई है। पीएम मोदी के ऐलान के बाद कांग्रेस ने पूछा कि क्या मोदी चांद के मालिक है? चंद्रयान-3 के टच पॉइंट के नामकरण से पूरी दुनिया हम पर हंसेगी। वहीं, बीजेपी ने कहा कि अगर यूपीए सरकार होती तो इंदिरा प्वॉइंट और राजीव प्वॉइंट जैसे नाम का ऐलान कर देती। जैसे की चंद्रयान-1 को जवाहर पॉइंट नाम दिया गया था।
दरअसल, पीएम मोदी ने शनिवार सुबह बेंगलुरू में इसरो वैज्ञानिकों से मुलाकात के बाद ऐलान किया कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर हमारा चंद्रयान-3 लैंड हुआ है, उस पॉइंट को अब शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा। साथ ही जिस स्थान पर चंद्रयान-2 के पद चिन्ह दिखे है, उसे पॉइंट को ‘तिरंगा’ नाम से जाना जाएगा।
पीएम मोदी के ऐलान पर भड़की कांग्रेस
पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद कांग्रेस नेता राशिद अल्वी बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पीएम मोदी को चांद पर जगह का नाम रखने का अधिकार किसने दिया? क्या वो चांद के मालिक है? आखिर कैसे पीएम मोदी ने लैंडिंग प्वाइंट का नाम शिवशक्ति रखा दिया?
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग पर हर भारतीय को गर्व है। लेकिन, पीएम मोदी के नामकरण का ऐलान हास्यास्पद है। साल 2008 में चंद्रयान-1 का नामकरण देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर करने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि नेहरू जी ने विक्रम साराभाई के साथ मिलकर इसरो की स्थापना की थी। नेहरू की तुलना किसी और नाम से नहीं की जा सकती।
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
इधर, कांग्रेस नेता अल्वी के बयान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी नेता ने कहा कि हिंदू विरोधी कांग्रेस को चंद्रयान-3 के टच पाइंट का नाम शिव शक्ति रखे जाने से दिक्कत है, लेकिन जब चंद्रयान-1 का नाम जवाहर प्वाइंट रखा तो यह ठीक था। ये कांग्रेस की मानसिकता है…परिवार पहले, राष्ट्र पहले नहीं।
UPA होती तो चंद्रयान-2 व 3 का नाम रखती इंदिरा-राजीव प्वॉइंट
उन्होंने कहा कि यूपीए कांग्रेस प्रथम परिवार को रखती थी। लेकिन, आज भारत को पहले रखा गया है। यूपीए की पॉलिसी फैमिली फर्स्ट की थी, आज पॉलिसी है इंडिया फर्स्ट की। इसलिए पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के पॉइंट का नाम तिरंगा और शिव शक्ति पॉइंट रखा है।
यूपीए ने मून के इम्पेक्ट पर जवाहर पॉइंट नाम रखा था। मतलब उनकी आस्था का केंद्र भारत नहीं, एक परिवार और एक व्यक्ति है। अगर यूपीए सरकार आज भी होती तो चंद्रयान-2 और 3 को भेजती ही नहीं, अगर भेजती भी तो उनका नाम इंदिरा प्वॉइंट और राजीव प्वॉइंट होते।
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