Chandrayaan-3 : नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान की चंद्रमा पर चहल-कदमी जारी है। रोवर प्रज्ञान में लगा एलआईबीएस उपकरण चांद पर मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम, टाइटेनियम तत्वों का पता लगाने में जुटा हुआ है। वहीं, इसरों भी अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से लगातार चंद्रयान-3 जुड़े अपडेट शेयर कर रहा है। शुक्रवार को इसरो ने पहली बार विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का वीडियो शेयर किया। जिसमें साफ दिख रहा है कि चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर कैसे उतरा?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें आप देख सकते है चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर कैसे विक्रम लैंडर से अलग होकर चांद की सतह पर उतरा। वीडियो में रोवर लैंडर के रैंप से उतरकर बाहर आता दिख रहा है। प्रज्ञान रोवर के पीछे के दो पहियों पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और इसरो लोगो के इंडेंट हैं। जैसे ही रोवर चंद्रमा पर उतरा तो उसके पहियों ने चांद की मिट्टी पर इन प्रतीकों की छाप छोड़ी। रोवर के सोलर पैनल्स उठे हुए दिख रहे हैं। यानी वह सूरज से एनर्जी लेकर काम कर रहा है।
14 दिन तक चहल-कदमी करेगा रोवर प्रज्ञान
बता दें कि रोवर प्रज्ञान का वजन केवल 26 किलोग्राम है। इसमें बिजली उत्पादन के लिए सोलर पैनल के साथ बैटरी भी शामिल है। 91.7 सेमी लंबा, 75 सेमी चौड़ा और 39.7 सेमी ऊंचा रोवर अपने छह पहियों की मदद से चांद की सतह पर चहल-कदमी कर रहा है। रोवर ने गुरुवार से चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू किया है, जो 14 दिन तक चांद की सतह पर बारीकी से जानकारियां जुटाएगा। लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है।
इसरो ने लैंडिंग का वीडियो भी किया था शेयर
इससे पहले इसरो ने गुरुवार को चंद्रयान-3 की लैंडिंग का भी एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिख रहा है। वहीं, पास पहुंचते ही वहां काफी सारे बड़े और छोटे गड्ढे नजर आ रहे हैं।
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