बनासकांठा। इसे संयोग कहें या चमत्कार… 7 साल पहले घर से लापता हुआ एक युवक फिर से परिजनों को सकुशल मिल गया है। परिजनों ने बेटे को हर जगह ढूंढा, लेकिन उसकी कोई जानकारी नहीं मिली थी। उन्हें एक उम्मीद थी कि उनका बेटा जिंदा है और उसी आस को लेकर वो बाबा के दर्शन करने पहुंचे तो वहां पर उनका बेटा सकुशल मिल गया। यह सच्ची घटना एक फिल्मी कहानी जैसी है।
गुजरात के बनासकांठा जिले के टलेटी गांव से लापता 26 वर्षीय नरेश परमार उर्फ भुट्टो सोमवार को पाली के निकट गुंदोज गांव में एक होटल पर परिवार को मिल गया। होटल मालिक ने उसकी दिमागी हालत को देख डॉक्टर से उपचार कराया और बेटे की तरह सार संभाल की। परिवार ने मन्नत मांगी थी कि युवक की सलामती के लिए बाबा रामदेव की सात फेरी लगाएंगे।
छह पूरी कर ली और परिवार के लोग सातवीं बार बाबा के दर्शन करने जाते वक्त सोमवार को गुंदोज में उसी होटल के सामने भंडारे पर ठहरे। वहां होटल पर नरेश गल्ले पर बैठा ग्राहकों को सामान दे रहा था। यह बात परिजनों को पता चली तो वे होटल पर पहुंचे और नरेश को गले लगाकर खुशी के मारे फूट- फूट कर रोने लगे।
इसे संयोग कहें या चमत्कार, लेकिन नरेश के घर से बिछड़ने, होटल पर शरण लेने और सोमवार को फिर से परिजनों को मिलने की घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था।
शादी के 1 साल बाद दिमागी हालत बिगड़ी तो घर से निकला…
बनासकांठा के अराड़ा थाना क्षेत्र में टलेटी गांव में माधाराम के तीन पुत्र और 3 पुत्रियां हैं, जिनमें से 26 साल का नरेश सबसे छोटा है। 18 साल की उम्र में उसकी शादी की, मगर दिमागी हालत ठीक नहीं होने पर पत्नी छोड़ कर चली गई। एक साल बाद नरेश घर से निकल गया और पाली के गुंदोज में होटल शिवशक्ति रेस्टोरेंट के मालिक भगाराम सीरवी को मिल गया।
होटल मालिक व लोगों ने दूल्हे की तरह किया विदा…
7 साल बाद परिजनों से मिले नरेश को होटल मालिक और लोगों ने दूल्हे की तरह विदा किया। होटल मालिक भगाराम सीरवी, हेडकांस्टेबल रामनिवास पुरोहित, गुड़ा एंदला निवासी भीमसिंह चारण, रविसिंह चारण व भंडारे में सहयोगकर्ता पाली के सौरभ भंडारी, सुगंध भंडारी ने नरेश को माला व साफा पहनाकर परिवार के साथ रामदेवरा दर्शन के लिए रवाना किया। होटल मालिक ने नरेश को शगुन के रूप में 5500 रुपए भी भेंट किए।