30 अगस्त से शुरु हो रहे एशिया कप 2023 के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के द्वारा 2023 एशिया कप के लिए 17 सदस्यीय टीम का चयन किया गया है। इसमें तिलक वर्मा का नाम सुनकर हर कोई हैरान रह गया है, क्योंकि तिलक वर्मा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल एक ही सीरीज खेली है। इस सीरीज में उन्होंने अपने प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया है।
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वेस्टइंडीज के खिलाफ तिलक वर्मा ने किया था डेब्यू
तिलक वर्मा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज के पहले मुकाबले में हार्दिक पांड्या की अगुवाई में टीम इंडिया में डेब्यू किया था। इस भारतीय टीम का 200वां टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच रहा। इस मुकाबले में तिलक वर्मा को डेब्यू का मौका मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ भले ही भारतीय टीम 3-2 से टी20 सीरीज हार गई हो, लेकिन इस सीरीज में तिलक वर्मा का बल्ला खूब चला है।
तिलक वर्मा का का सफर
तिलक वर्मा का भारतीय टीम तक पहुंचने का सफर काफी संघर्षभरा रहा है। उन्होंने उधार के बल्ले से शतक जमाने के बाद अब टीम इंडिया तक का सफर तय किया है। उनके पिता इलेक्ट्रीशियन हैं और तिलक के पास अपना घर भी नहीं है। बता दें कि तिलक वर्मा का जन्म 8 नवंबर 2002 को हुआ था। उनके परिवार की स्थति भी ठीक नहीं थी, तिलक बचपन में टेनिस खेलते थे। जब कोच सलाम बयाश की उन पर नजर पड़ी और उन्होंने तिलक को ना केवल फ्री में अकादमी में क्रिकेट सिखाया बल्कि तिलक के पिता को उसे क्रिकेट खेलने देने के लिए तैयार भी किया।
बल्ला खरीदने के लिए नहीं थे पैसे
तिलक वर्मा के पिता ने बाद में अपने बेटे का साथ दिया और 40 किलोमीटर दूर अकादमी होने की वजह से उन्होंने तिलक की अकादमी के पास ही जॉब तलाश ली, जिससे तिलक वर्मा का परिवार सहित अकादमी के पास रहने लगे। बता दें कि शुरुआत में तिलक वर्मा के पास बल्ला खरीदने के पैसे भी नहीं थे। एक साल क्रिकेट सीखने के बाद तिलक वर्मा ने उधार के बल्ले से शतक जमाया और फिर कभी पीछे
मुड़कर नहीं देखा।