Rajasthan Assembly Election 2023 : जयपुर। इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ताल ठोकने की तैयारी की जुटी हुई है। कांग्रेस जहां कर्नाटक मॉडल पर राजस्थान में चुनाव लड़ेगी। वहीं, बीजेपी ने गुजरात व यूपी के विकास मॉडल पर चुनावी रण में उतरने का प्लान बनाया है।
इसके लिए दोनों ही पार्टियों के नेता रायशुमारी में जुटी हुए है और जनता के मन को टटोलने के साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश में जुटे हुए कि किस नेता को कहां से टिकट देना सही रहेगा? कौन जिताऊ उम्मीदवार है? बता दें कि कांग्रेस ने सरकार रिपीट के लिए कमर कस ली है। वहीं, बीजेपी राजस्थान फतेह मिशन के लिए चुनावी रणनीति में जुटी हुई है।
जानें-विधानसभा चुनाव को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान
कांग्रेस में विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का आकलन किया जा रहा है। इसके लिए के पर्यवेक्षक सर्वे में जुटे हुए है। 25, 26, 27 को प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य दो-दो के समूह में जिलों में जाएंगे और वहां जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालयों में चर्चा करेंगे। वहीं गौरव गोगोई की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी 28-31 अगस्त तक चार दिन राजस्थान में रहेगी, इसके बाद प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। माना जा रहा है कि सितंबर के अंत तक कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी।
टिकट का पहला व आखिरी मापदंड विनेबिलिटी: सीएम
कांग्रेस ने अपने टिकट देने का मापदंड तय कर लिया है। कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की शनिवार को यहां हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि टिकट देने का ‘पहला व आखिरी मापदंड विनेबिलिटी होगा। उन्होंने कहा कि टिकट देने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती, कर्नाटक में हमने 90 साल के उम्मीदवार को टिकट दिया और वह जीता। वहीं, पीईसी की बैठक में तय हुआ कि स्क्रीनिंग कमेटी के आने के बाद टिकट वितरण पर काम शुरू होगा। गहलोत ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में मैदान में उतरने जा रहे हैं। उसमें अवश्य ही कांग्रेस की भारी बहुमत से विजय होगी। हालांकि, जनता माइबाप होती है, लेकिन जनता ने इस बार मन बना लिया है। फीडबैक आ रहा है कि इस बार जनता कांग्रेस को ‘रिपीट’ करेगी। यह मेरा विश्वास है।
जानें-विधानसभा चुनाव को लेकर क्या है बीजेपी का प्लान
भाजपा प्रदेश की सभी 200 सीटों पर रायशुमारी करने के लिए अन्य राज्यों के विधायकों को मैदान में उतारेगी। आलाकमान इनकी ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तैयार करेगा। बाहरी विधायकों के आठ दिवसीय अल्प प्रवासी योजना के तहत शनिवार को जयपुर में बैठक का आयोजन किया गया। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 6 राज्यों से विधायक बैठक में पहुंचे हैं।
ये विधायक सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर उनके राज्यों में हुए नवाचारों के सबंध में स्थानीय लोगों से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, जिस प्रकार यूपी में कानून व्यवस्था सुदृढ हुई है, गुजरात में बजट घोषणाओं को तय समय पर धरातल पर उतारा गया। वहीं, दूसरी ओर राजस्थान में कानून व्यवस्था और पेपर लीक जैसे प्रकरणों से हमारे प्रदेश की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।
कार्यकर्ताओं से ग्रास रूट पर करेंगे चर्चा
राठौड़ ने कहा कि अल्प प्रवासी विधायक जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं, पन्ना प्रमुख और शक्ति केन्द्र प्रभारियों सहित पदाधिकारियों से मिलकर चर्चा करेंगे। विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास के साथ ही बैठकों में भाग लेंगे, जिसमें वे अपने अनुभव साझा करने के साथ प्रदेश के मौजूदा हालातों की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजरात के विकास मॉडल की चर्चा आज पूरे देश में है। वहीं, जनसंख्या और भौगोलिक स्थतियां विपरीत होने के बावजूद यूपी में आज कानून व्यवस्था बेहद सुदृढ़ है। योगी सरकार के भय से अपराधी यूपी छोड़ अन्य राज्यों में शिफ्ट हो रहे हैं।
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