‘Gadar 2’ Review: इमोशन और एक्शन का डबल डोज है सनी की ‘गदर’…हैंडपंप वाले सीन ने फिर उड़ाया गर्दा

सनी देओल की ‘गदर 2’ मूवी रिलीज हो गई है। यह फिल्म एक्शन इमोशंस और देशभक्ति से लबरेज है।

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(शिवराज गुर्जर)। Gadar 2 Movie Review: सनी देओल की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘गदर 2’ आज रिलीज हो गई है। फिल्म को लेकर के लोगों में रिलीज से पहले ही जबरदस्त बज बना हुआ था, यही कारण है कि फिल्म ज्यादातर हाउसफुल शोज के साथ सिनेमाघर में पहुंची है। फिल्म के फर्स्ट डे फर्स्ट शो के प्रति लोगों में खासा क्रेज देखा गया। यही कारण है कि सुबह 6:00 बजे वाले शो में भी दर्शकों की अच्छी खासी भीड़ सिनेमाघरों में थी। यह फिल्म एक्शन इमोशंस और देशभक्ति का परफेक्ट पैकेज है। ‘गदर 2’ सनी देओल की ही ब्लॉकबस्टर मूवी ‘गदर : एक प्रेम कथा’ का सीक्वल है।

फिल्म का डायरेक्शन गदर वाले अनिल शर्मा ने ही किया है। सनी ने इसमें भी तारा सिंह का ही किरदार निभाया है और अमीषा पटेल उनकी पत्नी सकीना के रूप में हैं। उनके बेटे के किरदार में डायरेक्टर अनिल शर्मा के पुत्र उत्कर्ष शर्मा हैं। फिल्म कैसी है। फिल्म की कहानी क्या है? किसने कैसा अभिनय किया है और फिल्म टेक्निकल कितनी साउंड है- यह सब जानते हैं ‘गदर 2’ के रिव्यू में।

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फिल्म की कहानी

सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की। फिल्म की कहानी ‘गदर: एक प्रेम कथा’ के क्लाइमेक्स के बाद से शुरू होती है। तारा सिंह का बेटा जीते अब बड़ा हो चुका है। तारा सिंह पत्नी सकीना और बेटे के साथ मजे से रह रहा है। वह भारतीय सेना के लिए असला पहुंचाने का काम करता है। होता यह है कि पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति पैदा होती है तारा सिंह को असला पहुंचने के लिए भेजा जाता है। वहां लड़ाई के दौरान कुछ सैनिकों और ट्रक ड्राइवर को पाकिस्तानी सेना पकड़ लेती है। पकड़े गए लोगों में तारा सिंह के भी होने की चर्चा होती है।

ऐसे में तारा सिंह का बेटा जीते अपने पिता को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए मुसलमान बनकर अवैध तरीके से वहां घुस जाता है। वहां जाने पर उसे पता चलता है कि तारा सिंह तो पकड़ में आया ही नहीं था। जीते वापस लौटे उससे पहले ही पकड़ लिया जाता है। तारा सिंह जब घर आता है तो उसे बेटे के बारे में पता चलता है और वह उसे लेने के लिए पाकिस्तान को निकल पड़ता है। वह कैसे पाकिस्तानी सेना के चंगुल से अपने बेटे को बचाकर भारत लाता है, यही इस फिल्म की कहानी है। इसे जानने के लिए फिल्म को सिनेमा हॉल में देखना पड़ेगा।

कलाकारों का अभिनय

सनी देओल सालों बाद अपने जोनर में लौटे हैं। लौटे भी ऐसे हैं कि वाकई स्क्रीन पर गदर मचा दिया है। वे जब-जब पर्दे पर आते हैं स्क्रीन भर जाती है। उनकी हर एंट्री, हर डायलॉग पर दर्शकों की सीटियां और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे इसकी गवाही देते हैं। वह अकेले पूरे पाकिस्तान से भिड़ जाते हैं। पूरी पाक आर्मी से टकराते हुए जब वह सैनिकों को गाजर मूली की तरह इधर-उधर उठाकर फेंकते हैं तो भी वास्तविक लगते है। उन्होंने जहां बेटे के लिए एक बाप के जज्बातों को जितनी भावुकता से जिया है, उतनी ही जांबाजी के साथ एक हिंदुस्तानी देशभक्त के किरदार को पर्दे पर जीवंत किया है। उनके बेटे के रोल के रूप में डायरेक्टर अनिल शर्मा के पुत्र उत्कर्ष शर्मा हैं।

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अनिल शर्मा ने बहुत ही समझदारी के साथ शनि की छत्रछाया में अपने बेटे की बहुत अच्छी लांचिंग की है। पहली फिल्म होने और सनी देओल जैसे बड़े अभिनेता के सामने होने के बावजूद उत्कर्ष शर्मा अभिनय में कहीं नए नहीं लगे हैं। उन्होंने अपने अभिनय से काफी संभावनाएं जगाई है। उनकी हीरोइन के रूप में सिमरन कौर हैं। उन्होंने भी अपने किरदार को अच्छे से जिया है। वह बहुत खूबसूरत लगी है। अमीषा पटेल सकीना के रूप में बहुत लंबे समय के बाद पर्दे पर आई हैं। वह बहुत खूबसूरत तो लगी हैं बहुत ही प्यारी भी है लगी है। फिल्ल में अगर कोई सबसे खराब लगे हैं तो वह हैं मनीष वाधवा। फिल्म के मेन विलन। उन्होंने पता नहीं क्यों पूरी फिल्म में गुलशन ग्रोवर की बेकार नकल की है। उनकी एक्टिंग को देखते हुए मरहूम अमरीश पुरी को याद करके आंखें गीली हो जाती हैं।

एक्शन

फिल्म में जबरदस्त एक्शन है। वीएफएक्स वाला कम, रियलिस्टिक ज्यादा। सनी देओल तोप का पहिया निकाल कर लड़ते हैं तो कहीं भी धुप्पल नहीं लगती। हाथ गाड़ी को उठाकर फेंकने का दृश्य हो या फिर केजीएफ के रॉकी भाई की तरह हथोड़ा लेकर ठोकने का सीन, दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर देता है क्लाइमेक्स का एक्शन सीक्वेंस दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है।

खास…जो इस बार हटके है

1-‘गदर 2’ में भी ‘गदर : एक प्रेम कथा’ की तरह सिचुएशन बनती है हैंडपंप उखाड़ने की, पर सनी नहीं उखाड़ते। केवल उनके हैंड पंप की ओर देखने भर से उनको पकड़ने के लिए पीछे लगी सेना और पाकिस्तानी लोग दुम दबाकर भाग जाते हैं। सीन कुछ यों है कि सनी देओल भाग रहे हैं और उनके पीछे भीड़ और सेना लगी हुई है। तभी एक जगह पर सनी देओल रुक जाते हैं। हम देखते हैं कि पूरी भीड़ और सेना धीरे-धीरे पीछे हटने लगती है। पर्दे पर दिखाया जाता है कि सामने हैंडपंप है और सनी देओल उसे देख रहे हैं। अपने अंदाज में चिल्लाते हुए सनी देओल जब हैंडपंप की ओर बढ़ते हैं तो सेना और पूरे पाकिस्तानी लोग भाग खड़े होते हैं और सनी देओल हैंडपंप को नहीं उखाड़ते।

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2-सनी देओल पिछली बार ‘गदर : एक प्रेम कथा” में जब पाकिस्तान गए थे तो अपने लिए बीवी सकीना लेकर आए थे। इस बार ‘गदर 2’ में भी तारा सिंह पाकिस्तान जाते हैं और इस बार वह अपने लिए नहीं अपने बेटे के लिए बहू लेकर आते हैं।

3-‘गदर 2’ का सीक्वल आ सकता है, यानी की ‘गदर 3’ बन सकती है। इसके लिए ‘गदर 2’ में क्लू छोड़ा गया है। फिल्म के अंत में दिखाया गया है कि तारा सिंह के बेटे को फौज में भर्ती करने का ऑफर दिया जाता है, जिसे वह स्वीकार कर लेता है। मतलब अब तारा सिंह का बेटा जीते पाकिस्तान जा सकता है। वह क्या लेकर क्या आएगा यह तो जब फिल्म आएगी तभी पता चलेगा। ओवरऑल फिल्म बहुत अच्छी है और देखी जा सकती है। खास कर देश भक्ति का जज्बा रखने वाले लोगों के लिए कोई यह फिल्म खूब पसंद आएगी।

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