Firing in Jaghina : भरतपुर। जिले का जघीना गांव पिछले 8 महीने से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अब इसी गांव के अंदर फायरिंग की घटना सामने आई है। उद्योग नगर थाना क्षेत्र के जघीना गांव में बुधवार दोपहर एक ही परिवार के लोगों में हुए विवाद के बाद फायरिंग हो गई। छोटे भाई ने ही गोली मारकर अपनी मां और बड़े भाई को घायल कर दिया। दोनों का भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल में उपचार जारी है। जहां दोनों की ही हालत गंभीर बनी हुई है। हालांकि, पुलिस का साफ कहना है कि इस फायरिंग की घटना का गैंगस्टर कुलदीप जघीना हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस के मुताबिक जघीना गांव के चार थोक पर दोपहर 12.15 बजे दो भाईयों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। कुछ ही देर में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे पर बंदूक तान दी। तभी बीच बचाव के लिए मां आ गई। लेकिन, झगड़े के दौरान कौन शांत होता है? हुआ भी कुछ ऐसा ही और छोटे भाई आदित्य ने अपने ही बड़े भाई राकेश पर फायरिंग कर दी। इस दौरान मां उर्मिला भी गोली लगने से घायल हो गई।
जघीना गांव में फायरिंग की सूचना से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। एसपी मृदुल कच्छावा सहित उद्योग नगर थाने से पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने घायल राकेश और उसकी मां उर्मिला को जघीना के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से दोनों को गंभीर हालत में आरबीएम अस्पताल रैफर कर दिया। इधर, घटना के बाद आरोपी छोटा भाई आदित्य मौके से फरार हो गया। पुलिस ने कहा कि इस घटना से गैंगस्टर कुलदीप जघीना हत्याकांड का कोई संबंध नहीं है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर दो भाईयों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ था। साथ ही पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
…इसलिए फूल गए थे पुलिस के हाथ-पांव
बता दें कि पिछले साल 4 सितंबर की रात बीजेपी कार्यकर्ता और रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य कृपाल सिंह की जघीना गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कृपाल गुट के लोगों ने 12 जुलाई को आमोली टोल प्लाजा पर फायरिंग कर कृपाल सिंह हत्याकांड के आरोपी कुलदीप जघीना की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये दोनों ही जघीना गांव के रहने वाले थे। ऐसे में वर्चस्व की इस लड़ाई के कारण पुलिस ने जघीना में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रखी है। लेकिन, बुधवार दोपहर जैसे ही जघीना में फायरिंग की सूचना मिली तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। हालांकि, इस फायरिंग की घटना का कुलदीप और कृपाल गुट से संबंध नहीं होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली।
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