Nuh violence : नई दिल्ली। हरियाणा के मेवात-नूंह में 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में रोहिंग्याओं का नाम आया है। जिसके बाद प्रशासन ने शुक्रवार को तावडू इलाके में बुलडोजर चलाकर 200 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियों जमींदोज कर दिया है। जांच में सामने आया कि यहां बांग्लादेशी रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे थे और नूंह में भड़की हिंसा में भी शामिल थे। पुलिस की ओर से थाने में दर्ज एफआईआर में भी तावडू इलाके के कई लोगों का नाम शामिल है।
इधर, हरियाणा सरकार ने देर रात नूंह जिले के एसपी वरुण सिंघला का ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि वो हिंसा के दिन छुट्टी पर थे। जिसके चलते अब वरुण सिंघला को नूंह से हटाकर भिवानी जिले का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं, एसपी नरेंद्र बिजारणिया को नूंह का जिम्मा सौंपा गया है।
नूंह दंगों की शुरुआती जांच के बाद प्रशासन व पुलिस ने शुक्रवार सुबह नूंह में रोहिंग्याओं व अवैध घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन लिया। पुलिस ने 200 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियों को बुलडोजर चलाकर हटाया। नूंह हिंसा में शामिल अवैध अतिक्रमियों पर करीब चार घंटे तक कार्रवाई की। यहां पर बांग्लादेश के काफी लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं, इनमें से कई लोग हिंसा में शामिल थे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर ये लोग अवैध कब्जा जमाए बैठे थे। लेकिन, प्रशासन ने अब एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है।
आज कर्फ्यू में दी तीन घंटे की ढील
जुमे की नमाज को देखते हुए आज प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। नूंह में आज कर्फ्यू में सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक के लिए ढील दी गई है। 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद यह पहली जुमे की नमाज है। इसलिए नूंह के अलावा पटौदी, मानेसर, सोहना और गुरुग्राम में सदर बाजार, जामा मस्जिद के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी मस्जिदों पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नूंह के डीसी प्रशांत पंवार ने लोगों से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील की है।
हिंसा में अब तक सात लोगों की मौत
नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जिसकी आंच नूंह के साथ पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम तक पहुंच गई। इन चारों जिलों में शुक्रवार को भी हालात तनावपूर्ण बने हुए है। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने पैरामिलिट्री फोर्सेज की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं और 9 जिलों में धारा 144 लागू है। हिंसा में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने अब तक 93 केस दर्ज किए हैं और 186 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही 78 को हिरासत में लिया है। नूंह हिंसा की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स की 8 और 3 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें बनाई गई हैं।
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