Rajasthan Congress: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सरकार और संगठन दोनों स्तर पर कांग्रेस एक्टिव मोड में दिखाई दे रही है जहां सरकार अपनी योजनाओं को लेकर रिपीट का दावा कर रही है वहीं आलाकमान की ओर से संगठन के पेंच कसने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ा जा रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए दो पर्यवेक्षकों को राजस्थान में लगाया है जहां मधुसुदन मिस्त्री को वरिष्ठ पर्यवेक्षक और शशिकांत सेंथिल को पर्यवेक्षक बनाया गया है.
मिस्त्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें संगठन और आम चुनाव दोनों का लंबा अनुभव रहा है. वहीं सेंथिल पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं जिन्होंने कर्नाटक चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी.
हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों ही पर्यवेक्षकों के सामने पहला काम कांग्रेस को एकजुटता से चुनाव में ले जाने का रहेगा क्योंकि आने वाले दिनों में चुनावों को लेकर टिकट वितरण का खेल शुरू होने वाला है. इधर आलाकमान ने इस बार साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनावों में केवल उन्हें ही टिकट मिलेगा जो जिताऊ उम्मीदवार होंग. ऐसे में माना जा रहा है कि कई वर्तमान विधायकों के टिकट कट सकते हैं.
सीनियर आब्जर्वर की भूमिका में मिस्त्री
मधुसूदन मिस्त्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं जो गुजरात से आते हैं. मिस्त्री अपने राजनीतिक करियर में कांग्रेस से 2 बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं और राहुल गांधी के करीबी लोगों में गिने जाते हैं. इसके अलावा मिस्त्री ने 2014 में वडोदरा से नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था. मालूम हो कि हाल में मिस्त्री ने ही कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी के चेयरमैन के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव करवाए थे.
मिस्त्री का राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है जहां वह शंकरसिंह वाघेला की राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) के सदस्य रहे और बाद में जब आरजेपी का कांग्रेस में विलय हो गया तो मिस्त्री कांग्रेस के सदस्य हो गए. वहीं मिस्त्री 2001 में साबरकांठा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे.
IAS अधिकारी रहे हैं शशिकांत सेंथिल
वहीं पर्यवेक्षक रहे शशिकांत सेंथिल ने 2019 में तमिलनाडु कैडर से आईएएस की नौकरी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और हाल में कर्नाटक चुनाव के दौरान सेंथिल ने कांग्रेस वॉर रूम की जिम्मेदारी संभाली थी. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त एस शशिकांत सेंथिल ने आईएएस पद से यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि जब लोकतंत्र खतरे में है तो उनका “सिविल सेवक के रूप में बने रहना अनैतिक है”. सेंथिल यूपीएससी परीक्षा में तमिलनाडु से टॉपर रहे हैं जहां राष्ट्रीय स्तर पर उनकी नौवीं रैंक आई थी.