(पंकज सोनी) : जयपुर। विधानसभा के नियमों में जनहित के मुद्दे उठाने से लेकर भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए विधायकों को दी गई सवाल पूछने की ताकत को लेकर विपक्षी सदस्यों का प्रदर्शन बेहतर रहा। सत्ता पक्ष के विधायक इस मामले में कमजोर दिखाई दिए। सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने आठ सत्रों में एक भी सवाल नहीं पूछा।
वहीं, विधानसभा के वीवीआईपी जनप्रतिनिधि वसुंधरा राजे, सचिन पायलट और गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपने सवाल पूछने के हथियार के प्रयोग में परहेज रखा। प्रदेश में 15 वीं विधानसभा अपने अंतिम चरणों में है। माना जा रहा है कि एक या दो दिन की कार्यवाही के बाद विधानसभा का सत्रावसान कर दिया जाएगा।
इसलिए विधायकों का सवाल पूछने का फाइनल स्कोर कार्ड भी तैयार हो गया है। विधानसभा के आठों सत्र में सर्वाधिक सवाल लगाने वाले विधायकों में महिला सदस्यों की भी खासी संख्या है। विधायक एक सत्र में 40 तारांकित और 60 अतारांकित सवाल पूछ सकते हैं।
इन दिग्गजों ने समझी सवाल की ताकत
विधानसभा में गुलाबचंद कटारिया, सतीश पूनियां, राजेन्द्र राठौड़ चार सौ से ज्यादा सवाल लगाने वालों की सूची में शामिल रहे। इन तीनों नेताओ के सवालों ने सरकार को परेशान किए रखा।
सवाल लगाने में टॉप पर
भाजपा विधायक संतोष और अमृतलाल मीणा प्रत्येक ने लगाए 559 सवाल
भाजपा की चंद्रकांता मेघवाल और हमीर सिंह भायल प्रत्येक ने लगाए 558 सवाल
भाजपा के फूलसिंह मीणा ने लगाए 557 प्रश्न
निर्दलीय बलजीत यादव नेलगाए 554 सवाल
भाजपा के नारायण सिंह देवल ने लगाए 553 सवाल
इन्होंने भी लगाए 500+ प्रश्न
कालूराम, रामलाल शर्मा, वासुदेव देवनानी, संदीप शर्मा, भरत सिंह, धर्मनारायण जोशी, शंकर सिंह रावत, संजय शर्मा, जगसीराम, मदन दिलावर, अविनाश, बिहारीलाल विश्नोई ऐसे विधायकों में शुमार रहे, जिन्होंने पांच सौ से ज्यादा सवाल लगाए।
सवाल पूछने में सबसे कमजोर विधायक
विधानसभा के आठों सत्र में परसराम मोरदिया, दीपचंद खैरिया, जितेन्द्र सिंह, राजेन्द्र विधूड़ी व अनिल शर्मा ने एक भी सवाल नहीं पूछा। यह सभी विधायक सत्ता पक्ष के थे। वहीं, भाजपा के सुरेन्द्र सिंह राठौड़ और निर्दलीय महादेव सिंह खण्डेला ने एक-एक, कांग्रेस के वीरेन्द्र सिंह ने दो और सुदर्शन सिंह रावत ने तीन सवाल पूछे। भाजपा की सिद्धिकु मारी ने के वल 57 अतांरकित सवाल लगाए। वहीं, कांग्रेस की रीटा चौधरी ने छह और जौहरी लाल मीणा ने पांच ही सवाल पूछे।