लंदन। नए अध्ययन में इसी संभावना पर विचार किया गया है कि क्या एलियन्स हम इंसानों को खोज सकते हैं! इस सवाल पर तो बहुत मंथन होता रहा है और अब भी होता रहता है। मारिशस और मानचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के मोबाइल टावर के रेडियो लीकेज को सिम्यूलेट किया और यह अनुमान लगाने का प्रयास किया कि दूर से कोई एलियन सभ्यता इसे कैसे पकड़ेगी? टीम ने पाया कि जहां तक अकेले तंत्र विशेष का संबंध है, उनसे निकलने वाली रेडियो शक्ति बहुत ही कम होती है, लेकिन अगर इस तरह के अरबों उपकरण मिल जाएं और भविष्य के ब्रॉडबैंड के तंत्र भी जोड़ दिए जाएं तो वे मिलकर इतने शक्तिशाली रेडियो तरंगे निकालेंगे जिससे उन्हें पकड़ना बहरी सभ्यताओं के लिए बहुत आसान हो जाएगा।
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अध्ययन में अन्य रेडियो उत्सर्जक होंगे शामिल
शोधकर्ताओं ने सुझाया कि तकनीकी तौर पर उन्नत सभ्यताओं के पास बहुत ही संवेदनशील तंत्र होंगे जो इन तरंगों की पहचान कर सकेंगे। इतनी ही नहीं, ज्यादा शक्तिशाली ब्रॉडबैंड टावरों के जुड़ने से इन तरंगों की पहचान होने की संभावना बढ़ती जाएगी। उधर, अफ्रीकी देश लैंडलाइन के दौर से निकल कर डिजिटल युग में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अब टीम अपने अध्ययन को आगे बढ़ा कर अन्य रेडियो उत्सर्जकों को भी शामिल करने जा रही है।
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एलियन सभ्यता का अत्यधिक विकसित होना जरूरी
सेटी इंस्टीट्यूट के हैट क्रीक रेडियो ऑब्जर्वेटरी और मॉरिशस यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर छात्र रैमिरियो साइडे ने ऐसे प्रतिमान विकसित किए हैं, जो ऐसे रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर को प्रदर्शित करते हैं, जो बाहरी सभ्यताओं को मिल सकती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि जब तक कि एलियन सभ्यता हमसे भी बहुत अधिक उन्नत नहीं हो जाती है, तब तक उन्हें हमारे वर्तमान मोबाइल टावर से रिसती हुई रेडियो तरंगों को पहचानने में बहुत दिक्कत होगी।