Lok Sabha elections 2024 : नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले छोटे-छोटे दलों को साधने की कोशिश में जुटी भाजपा को रविवार को एक और सफलता मिली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई। समझा जाता है कि राजभर के राजग में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूती मिलेगी। यूपी में लोकसभा की 80 सीट है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ओमप्रकाश राजभर अपने बूते पर किसी को जीता तो नहीं सकते लेकिन हार-जीत का गणित बना-बिगाड़ सकते हैं। राजभर के राजधानी दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद यह घोषणा की गई। शाह ने एक ट्वीट में कहा, ओम प्रकाश राजभर से दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जुड़ने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही शाह ने इस मुलाकात की एक तस्वीर भी साझा की।
पूर्वांचल है राजभर का प्रभाव क्षेत्र
ओम प्रकाश राजभर का विशेष रूप से राजभर समुदाय के बीच प्रभाव है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस समुदाय की अच्छी खासी तादाद है। खासतौर से गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, देवरिया, संत कबीर नगर, कु शीनगर, गोरखपुर, बस्ती और बहराइच समेत कई जिलों में राजभर मतदाताओ का प्रभाव माना जाता है।
यूपी में दो व बिहार में एक लोस सीट पर दावा
सूत्रों का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ओमप्रकाश राजभर ने मऊ जिले की घोसी और गाजीपुर लोकसभा सीटों के लिए राजग में अपना दावा ठोंका है। वह बिहार में भी एक सीट की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राजभर घोसी या गाजीपुर में अपने छोटे पुत्र और पार्टी प्रवक्ता अरुण राजभर को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सहयोगी दलों को पत्र लिखकर इस बैठक के लिए आमंत्रित किया है। नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के सुखदेव सिंह ढींडसा सहित विभिन्न नेताओं को पत्र लिखा है। पासवान और मांझी राजग की बैठक में शामिल हो सकते हैं।
दारा सिंह चौहान भाजपा में होंगे शामिल!
‘पूर्वांचल’ के एक अन्य ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इससे पहले अमित शाह से मुलाकात की थी। चौहान के भी जल्द ही भाजपा में शामिल होने की संभावना है। चौहान पहले भाजपा में ही थे, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए थे।
कभी सपा, कभी भाजपा का साथ
2017- यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा। बाद में कैबिनेट मंत्री बने। बाद में सरकार से दूरी बढ़ने पर हो गए थे अलग।
2022-यूपी विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा।
2023-फिर आए भाजपा नीत राजग के साथ।
राजभर की सियासी ताकत
4 प्रतिशत वोट हैं यूपी में राजभर समुदाय के।
16 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव नतीजों को प्रभािवत करने की क्षमता।
राजभर बेसहारा: सपा प्रवक्ता
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजभर भी बेसहारा हैं और भाजपा भी अक्षमता की स्थिति में बेसहारा हो गई है, इसलिए दोनों मिलकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं।भाजपा का मूल सिद्धांत आपदा में अवसर की तलाश है। भाजपा इस समय संकट में है और सत्ता में रहने के बाद भी उसे लोकसभा के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि राजभर अब 18 जुलाई की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक को लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।