कोटा। शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन मास्क में आग लगने से मरीज की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है। दरअसल, मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज को कार्डियो शॉक दिया जा रहा था, तभी उसमें से निकली चिंगारी मरीज के मास्क तक पहुंच गई। जिसके चलते मास्क में आग लग गई और मरीज का चेहरा बुरी तरह झुलस गया। ऐसे में कुछ देर बाद ही मरीज ने दम तोड़ दिया।
घटना बुधवार रात 10.30 बजे की बताई जा रही है। अस्पताल में मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोपी लगाते हुए नारेबाजी की। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी।
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मरीज की मौत की सूचना मिलते ही गुरुवार सुबह अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। गुस्साए मरीज ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और शव लेने से इनकार कर दिया। वहीं, मृतक के परिजनों को ब्राह्मण सहित अन्य समाज के लोगों का समर्थन भी मिला। पीसीसी महासचिव राखी गौतम भी अस्पताल पहुंची।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और लापरवाह स्टाफ पर कार्रवाई की जाएं। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस अधिकारियों ने काफी समझाइश की। लेकिन, प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े हुए है। वहीं, मृतक का शव अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
राठौड़ बोले-राइट टू हेल्थ का ढोंग रचने वाली सरकार की खुली पोल
इधर, मरीज की मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है। राठौड़ ने ट्वीट किया कि कोटा संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में भर्ती मरीज वैभव शर्मा की इलाज के दौरान ऑक्सीजन मास्क में आग लगने से हुई दर्दनाक मौत ने राजस्थान की जनता को राइट टू हेल्थ देने का ढोंग रचने वाली कांग्रेस सरकार की पोल खोल दी है।
यह घटना चिकित्सकीय लापरवाही की पराकाष्ठा है और प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं पर भी सवालियां निशान है। इस पूरे घटनाक्रम के लिए कमेटी बनाकर जांच की जाए, लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
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ये है पूरा मामला
पेट दर्द की शिकायत के चलते अनंतपुरा तालाब निवासी वैभव शर्मा मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में इलाज के लिए आया था। सोनोग्राफी हुई तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आंतों में छेद है। इसके बाद 6 जुलाई को उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया। 10 जुलाई को ऑपरेशन के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया। लेकिन बुधवार को दोपहर बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई।
इस पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। रात करीब 10 बजे फिर से घबराहट होने लगी तो ऑक्सीजन दी गई। तबीयत ज्यादा खराब होने पर डीसी शॉक दिया गया। तभी ऑक्सीजन मास्क में चिंगारी उठने से आग लग गई। जिससे मरीज की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जब रात 10 बजे बाद जब डॉक्टर और स्टाफ रुम में चले गए, तो अचानक ऑक्सीजन मास्क में आग लग गई।
इस दौरान स्टाफ आया लेकिन घबराकर लौट गया। बाद में मरीज के छोटे भाई ने आग को बुझाया। लेकिन, तब तक उसका चेहरा और गर्दन बुरी तरह से झुलस गई और कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया।