Personal Data Protection Bill-2023 : नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को डिजिटल व्यक्तिगत सूचना संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक, 2023 (पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल-2023) के मसौदे को मंजूरी दे दी। इसे संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। ऐसे में इसको किसी भी दिन संसद में पेश किया जाएगा।
विधेयक में नियमों के उल्लंघन के प्रत्येक मामले में संबंधित इकाई पर 250 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। एक आधिकारिक सूत्र कहा, मंत्रिमंडल ने डिजिटल व्यक्तिगत सूचना संरक्षण विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। सूत्र के अनुसार, विधेयक में पिछले मसौदे के लगभग सभी प्रावधानों को शामिल किया गया है। उस मसौदे को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने परामर्श के लिए जारी किया था।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून में सरकारी विभागों को पूरी तरह से छूट नहीं दी गई है। विवादों के मामले में सूचना संरक्षण बोर्ड फैसला करेगा। नागरिकों को दिवानी अदालत में जाकर मुआवजे का दावा करने का अधिकार होगा। कई चीजें हैं जो धीरे-धीरे विकसित होंगी। उन्होंने कहा, कानून लागू होने के बाद व्यक्तियों को अपने आंकड़े, उसके रखरखाव आदि के बारे में विवरण मांगने का अधिकार होगा।
डेटा प्रोटेक्शन का है प्रावधान
मोबाइल और इंटरनेट के चलन के बाद से निजता की सुरक्षा की जरूरत लंबे वक्त से थी। कई देशों में लोगों के डेटा प्रोटेक्शन को लेकर सख्त कानून तैयार किए जा चुके हैं। मगर भारत में ऐसा कोई कानून फिलहाल नहीं है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। विधेयक के मसौदे के अनुसार कानून पालन कराने के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया की स्थापना की जाने की सिफारिश की गई है।
जहां यूजर्स की शिकायत सुनी और हल की जा सकें । सूत्रों के अनुसार फिलहास सख्त कानून न होने के वजह से डेटा कलेक्ट करने वाली कं पनियां इसका कई दफा फायदा उठाती हैं। बैंक, क्रेडिट कार्ड और इंश्योरेंश से जुड़ी जानकारियां के आए दिनों लीक हो जाने की खबरें आती रहती हैं।