जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले दल-बदल के अलावा चुनावी राजनीति से सन्यास लेने का सिलसिला लगातार जारी है जहां बीते दिनों कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के चुनाव नहीं लड़ने की फेहरिस्त में अब एक नाम और जुड़ गया है. सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है.
शेखावत ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर यह घोषणा करते हुए श्रीमाधोपुर की जनता का आभार व्यक्त किया है. शेखावत ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा है कि जनता ने मेरा समय-समय पर साथ और समर्थन किया है जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा.
वहीं उन्होंने आगे कहा कि पिछले 2 सालों से स्वास्थ्य खराब होने के कारण मैं आप लोगों के बीच उपस्थित नहीं रह पाया हूं और अब मैं चार-पांच महीने के लिए विधायक हूं तो जनता के बीच रहूंगा. वहीं इसके बाद चुनावों को लेकर आचार संहिता लग जाएगी ऐसे में आप लोग मुझे बहुमत से चुनाव जिताने की बात कर रहे हैं, पर अब मैं आगे चुनाव नहीं लड़ूंगा.
बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चाएं
बता दें कि सीकर जिले की श्रीमाधोपुर सीट से कांग्रेस विधायक शेखावत काफी दिनों से तबियत से नासाज चल रहे थे. वहीं अब उनके राजनीति पारी घोषित करने के बाद उस सीट पर उनके बेटे बालेंदु सिंह को लेकर चुनावी चर्चाएं चल रही है. बालेन्दु सिंह शेखावत भी सचिन पायलट के करीबी हैं. वहीं बीते दिनों पायलट ने दीपेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी.
2018 में 10 हजार वोटों से जीते थे
गौरतलब है कि श्रीमाधोपुर से कांग्रेस के दीपेन्द्र सिंह 2018 के चुनावों में 10 हजार से अधिक वोटों से जीते थे जहां श्रीमाधोपुर सीट से बीजेपी के टिकट पर सिटिंग विधायक झाबर सिंह खर्रा ने चुनाव लड़ा था. वहीं इस सीट पर कांग्रेस के बागी नरेंद्र सिंह महरौली और बीजेपी बागी दुर्गाप्रसाद खर्रा ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था.