जयपुर। राजधानी जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में लापरवाही का मामला सामने आया है। फोर्टिस हॉस्पिटल में हुई हार्ट सर्जरी में लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई। अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां लेने के परिजनों के होश उड़ गए। परिवार जब अस्थि चुनने श्मशान पहुंचा तब उसे सर्जिकल कैंची मिली। परिवार ने जब हॉस्पिटल से मामले के बारे में अवगत कराया तो उन्होंने ऐसे सभी आरोप से इंकार कर दिया है। हॉस्पिटल का कहना है कि परिवार झूठ बोल रहा है। वहीं अब मृतक के परिजनों ने जवाहर सर्किल थाने में फोर्टिस हॉस्पिटल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।
29 मई को मरीज को ले गए थे हॉस्पिटल…
शिप्रापथ थाने के मानसरोवर इलाके के रहने वाले कमल शर्मा ने बताया कि 29 मई को उनके पिताजी उपेंद्र शर्मा (74) की तबीयत खराब होने पर जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र के फोर्टिस हॉस्पिटल ले गए थे। यहां डॉ. राकेश चित्तौड़ा से इलाज शुरू किया। यहां पर वह 4 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा था। 30 मई रात करीब 8:30 बजे उनके पिताजी को ऑपरेशन के लिए ओटी में ले जाया गया। यहां उनकी पिता उपेंद्र शर्मा की हार्ट सर्जरी हुई थी।
रात करीब 1 बजे पिता उपेंद्र शर्मा को ऑपरेशन थियेटर से बाहर लेकर आए, लेकिन सुबह 4 बजे डॉक्टरों की एक टीम दोबारा वार्ड में आई और इन्हें ऑपरेशन थियेटर में ले गई। हमें नहीं बताया गया कि दोबारा इन्हें क्यों ले जाया जा रहा है। इसके बाद 31 मई शाम तक डिस्चार्ज कर दिया था। इसके बाद से वे घर पर ही थे।
घर लाने के दो दिन बाद बिगड़ने लगी तबीयत…
बेटे कमल शर्मा ने आरोप लगाया कि घर लाने पर दो दिन बाद ही पिताजी की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद डॉक्टर्स से बातचीत की तो उनका कहना था कि सब सही जाएगा, लेकिन थोड़ा समय लगेगा। इसी बीच मंगलवार 12 जून की शाम को उनके पिता की तबीयत बिगड़ने लगी और रात 8:30 बजे उनकी मौत हो गई। अगले दिन बुधवार 13 जून को महारानी फॉर्म स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
अंतिम संस्कार के बाद 15 जून को सुबह जब मोक्ष धाम में अस्थियां लेने पहुंचे। मोक्ष धाम में पहुंच कर जब अस्थियां चुन रहे तो एक सर्जिकल कैंची मिली। बेटे कमल शर्मा का आरोप है कि उनके पिता को जिस दिशा में लिटाया गया था उसी दिशा में हार्ट के पास ये सर्जिकल कैंची मिली है। उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल में हुई पिता की हार्ट सर्जरी में लापरवाही से मौत का आरोप लगाया है।
हॉस्पिटल बोला, परिवार झूठ बोल रहा…
फोर्टिस अस्पताल जयपुर के जोनल डायरेक्टर नीरव बंसल ने बताया की परिवार का झूठा और निराधार और दुर्भावनापूर्ण दावा है। हमारे पास सर्जरी के बाद की सभी रिपोर्ट और रोगी के एक्स-रे हैं, जो पुष्टि करते हैं कि रोगी के शरीर के अंदर कोई सर्जिकल कैंची या कोई अन्य बाहरी वस्तु नहीं थी। फोर्टिस यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रोटोकॉल का पालन करता है कि ऐसी त्रुटियां न हों।