लंदन। दुनिया के पानी में करोड़ों टन सोना और कीमती धातुएं डूबी हुई हैं। जहाजों के हादसों का शिकार होने से लेकर लोगों के आस्था में फेंके हुए सिक्के तक गहरे समुद्र में हैं। साल 1641 में ब्रिटेन का रॉयल मर्चेंट नाम का जहाज खराब कॉर्नवॉल के पास पानी में समा गया। वर्ष 2019 में इसका ऊपरी हिस्सा तो मिला, लेकिन बॉटम कभी नहीं मिला। अनुमानत: इस जहाज में एक लाख पाउंड गोल्ड था। इससे पूर्व 16वीं सदी की शुरुआत में प्रशांत महासागर में डूबे जहाज के कार्गो में 2 बिलियन डॉलर की लागत का सोना रखा हुआ था।
इस सोने से बस सकते हैं कई ताकतवर देश
एक अध्ययन के मुताबिक ये कहना मुश्किल है कि कुल कितना सोना या फिर कितने वैल्यू का कीमती सामान समुद्र में खो चुका है। अक्सर बड़े डूबे हुए जहाजों के आधार पर इसकी गणना होती रही। हालांकि माना जाता है कि ये इतना होगा, जिससे कई नए और बेहद ताकतवर देश बस सकते हैं। आमतौर पर ये लूटा हुआ सोना होता था, जो गुलाम देशों से ले जाया जा रहा होता था। समुद्र में जब इतना सारा सोना है तो उसे निकाला क्यों नहीं जा रहा? दरअसल, इसमें कई बड़ी प्रैक्टिकल दिक्कतें हैं।
क्यों नहीं निकला ये खजाना?
समंदर के किस हिस्से में कितना सोना जमा होगा। इसका पता लग भी जाए तो भी उतनी गहराई तक जाना आसान नहीं। अगर गहराई तक पहुंच जाएं तो सोना तली पर पड़ा हो, ये जरूरी नहीं। हो सकता है कि वो किसी बड़े पत्थर के नीचे दबा हो या उस पर कोई कोरल रीफ बन चुकी हो। ऐसे में उसे निकालने के लिए खुदाई करनी होगी। ये सारा प्रोसेस कितना समय लेगी, ये नहीं पता। उतनी देर समुद्र में मीलों भीतर रहना मुमकिन नहीं।
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