”कांग्रेस की नीति और नीयत में खोट, जनता अब झांसे में नहीं आएगी” बिजली फ्री करने पर राठौड़ का तंज

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को एक और तोहफा दिया। जिस पर राठौड़ ने कहा कि बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी।

Ashok Gehlot-Rajendra Rathore

Free Electricity in Rajasthan : जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को एक और तोहफा दिया। सीएम गहलोत ने जनता को राहत की घोषणा करते हुए 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वालों का बिजली बिल पूरी तरह माफ कर दिया है। बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत की घोषणा के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं से साढ़े 4 साल तक औसतन 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला। लेकिन, अब कांग्रेस सरकार 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है। साथ ही राठौड़ ने गहलोत सरकार पर तंज कसा कि बिजली के बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी। वहीं, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री जी की ऐतिहासिक सभा से भयभीत हैं गहलोत जी?

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि घोषणावीर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गजब की टाइमिंग है। पीएम मोदी के भाषण से आप इस कदर प्रभावित हुए कि देर रात आपको राहत की घोषणा करने को मजबूर होना। लेकिन, साढ़े 4 साल से जनता को लूटने के बाद अब चुनावी साल आते ही अचानक बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा से जनता आपके झांसे में नहीं आएगी। आपकी नीति और नीयत दोनों में खोट है। साढ़े 4 साल तक औसतन 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज विद्युत उपभोक्ताओं से वसूलने वाली कांग्रेस सरकार अब 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है। जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में फ्यूल सरचार्ज मात्र औसतन 18 पैसे प्रति यूनिट ही था। जब फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी के कारण उद्यमी हड़ताल पर है तो औद्योगिक इकाइयों का फ्यूल सरचार्ज माफ क्यों नहीं कर रहे?

सरकार पर बिजली कंपनियों का 15 हजार 180 करोड़ बकाया

राठौड़ ने कहा कि घोषणा दर घोषणा करने से पहले आप विद्युत उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरुद्ध 15 हजार 180 करोड़ की बकाया राशि तो विद्युत कंपनियों को तो चुकाएं। करीब 1 लाख 20 हजार करोड़ का डिस्कॉम्स का घाटा है और सब्सिडी के खर्चे के लिए विद्युत कंपनियों को प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ का लोन बैंकों से लेना पड़ता है जिसका ब्याज भी सालाना लगभग 6500 करोड़ रुपए होता है। सरकार पहले इन्हें चुकाये और फिर जाकर घोषणाएं करे तो बेहतर होगा।

बिजली आएगी तो जनता को मिलेगा फायदा

बिजली के बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक अघोषित विद्युत कटौती का दंश विद्युत उपभोक्ता झेलने को मजबूर है। आप महंगी बिजली की खरीद, कोयला खरीद और किसानों के कनेक्शन में टर्नकी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार को लेकर भी कुछ राहत की घोषणा करते तो बेहतर होता। साथ ही किसानों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली आपूर्ति करने और नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणाएं कब पूरी होगी, इस पर भी कुछ कहते तो अच्छा होता।

जोशी ने पूछा-क्या पीएम की सभा से डर गए गहलोत?

वहीं, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने गहलोत से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक सभा से भयभीत हैं ? सीपी जोशी ने ट्वीट किया कि क्या प्रधानमंत्री जी की ऐतिहासिक सभा से भयभीत हैं गहलोत जी? गहलोत सरकार ने साढ़े 4 साल में ना तो किसानों का कर्जा माफ किया, न बेरोजगारों को भत्ता दिया। 100 यूनिट बिजली फ्री की जगह 100 अपराध कम करने की बात कहते तो हमारे प्रदेश की महिलाएं, बच्चे, दलित व आदिवासी सुरक्षित होते। युवाओं को भी राहत मिलती कि अब प्रदेश में पेपर लीक नहीं होंगे। यह राहत नहीं, घोषणावीर की बस एक और चुनावी घोषणा मात्र है, जो कभी पूरी नहीं होगी, बस जनता के साथ छलावा है।

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