Rajasthan: जहां किया ERCP का जिक्र वहीं सभा करेंगे मोदी, क्या गहलोत फिर देंगे मुद्दे को हवा

केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर पीएम मोदी 31 मई को अजमेर दौरे पर रहेंगे जहां वह एक जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं.

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अजमेर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है जहां कांग्रेस की ओर से सीएम गहलोत पिछले काफी दिनों से राज्य के अलग-अलग हिस्सों के दौरे पर हैं वहीं बीजेपी की ओर से पीएम मोदी की भी राजस्थान के रण में एंट्री हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक पीएम 31 मई को अजमेर दौरे पर रहेंगे जहां वह केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं. दरअसल पीएम मई महीने में ही सिरोही पहुंचे थे. इधर पीएम का राजस्थान दौरा तय होते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह है और कार्यकर्ता पीएम के स्वागत की तैयारी में जुट गए हैं.

मालूम हो कि पीएम के अजमेर दौरे से पहले अजमेर से ही सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा का आगाज किया था. इसके अलावा अजमेर में 2018 के चुनावों में पीएम मोदी ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का जिक्र किया था जिस पर गहलोत लगातार हमलावर रहे हैं और बीते दिनों कई मौकों पर गहलोत ने ईआरसीपी पर गजेंद्र सिंह शेखावत और पीएम को घेरा था. माना जा रहा है कि चुनावों के नजदीक आने पर पीएम का यह दौरा काफी अहम हो सकता है.

पायलट ने निकाली थी पदयात्रा

दरअसल अजमेर इन दिनों काफी चर्चा में रहा जहां बीते दिनों सचिन पायलट ने अजमेर से ही पेपर लीक और करप्शन के खिलाफ अपनी जन संघर्ष यात्रा का आगाज किया था. पायलट अजमेर से 125 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया था, अब वहीं से पीएम मोदी एक बार फिर चुनावी बिगुल बजा रहे हैं.

बता दें कि अजमेर में आठ विधानसभा सीटें हैं जिनमें अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, पुष्कर, मसूदा, ब्यावर, नसीराबाद, केकड़ी और किशनगढ है. अजमेर की 8 सीटों पर पिछले चुनावों में 5 सीटों पर बीजेपी, 2 सीटों पर कांग्रेस और 1 विधानसभा सीट से निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी.

फिर उठेगा ERCP का मुद्दा!

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अजमेर और जयपुर में रखी गई एक जनसभा के दौरान ईआरसीपी का जिक्र किया था जिसके बाद सीएम गहलोत ने कई मौकों पर पीएम को यह वादा याद दिलाया था. पीएम ने उस दौरान कहा था कि वसुंधरा सरकार के दौरान बनाई गई ईआरसीपी पर केंद्र सकारात्मक रूख अपनाएगा. हालांकि ईआरसीपी को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने को लेकर पीएम ने साफ तौर पर कोई वादा नहीं किया था लेकिन संकेत ऐसे ही दिए थे.

गहलोत ने बीते दिनों एक सभा में कहा था कि पीएम अपना वादा भूल गए हैं और बीजेपी नेताओं को मेरे साथ चलकर उनके भाषण का वीडियो लेकर दिल्ली चलना चाहिए. दरअसल ईआरपीसी में जयपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, अलवर, भरतपुर और धौलपुर सहित 13 जिले आते हैं.

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