‘संसद में महिलाओं की बढ़ती संख्या सुखद…’ राष्ट्रपति ने कहा- 75 वर्षों में लोकतंत्र और अधिक हुआ मजबूत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकतत्रं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश के 2 लाख 75 हजार से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों में 46 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि हैं।

President Draupadi Murmu | Sach Bedhadak

President Draupadi Murmu : जयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकतत्रं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश के 2 लाख 75 हजार से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों में 46 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि आज संसद में महिला सदस्यों की संख्या सौ से अधिक हो गई है, जो सुखद संकेत है। राष्ट्रपति ने कहा है कि देश की जनता की संवैधानिक लोकतत्रं में गहरी आस्था है और आजादी के बाद गत 75 वर्षों में सभी चुनौतियों का सामना करते हुए देश में लोकतत्रं और अधिक मजबूत हुआ है। 

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के ‘राजस्थान विधान सभा के प्रमुख संवैधानिक पदधारकों का लोकतत्रं के सुदृढ़ीकरण में योगदान’ विषयक पर आयोजित सेमिनार में राष्ट्रपति ने कहा कि देश की पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल उनके लिए भी प्रोत्साहन का स्रोत रही हैं। यह सेमिनार भैरोसिंह शेखावत के जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित हुई। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने उपराष्ट्रपति और राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत को नमन करते हुए कहा कि साधारण परिवार में जन्म लेकर भी कड़ी मेहनत, संघर्ष और जनसेवा के दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने देश के अग्रणी लोक सेवकों में स्थान बनाया। 

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय शेखावत ने उपराष्ट्रपति के रूप में उच्च संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए आदर्श स्थापित किया। वे दलगत राजनीति से ऊपर थे और आमजन की समस्याओं की गहरी समझ रखते थे। राष्ट्रपति ने कहा, प्रदेश के अब तक के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों एवं विधानसभा अध्यक्षों के योगदान को प्रदेश के विकास एवं संसदीय लोकतत्रं की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है।

लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे शेखावत

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि स्व. शेखावत राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे। वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हरेक दल के लोगों से आत्मीय संबंध रखते थे। मुख्यमंत्री के रूप में स्व. भैरोंसिंह शेखावत ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही जनता के लिए ‘अन्त्योदय योजना’, ‘काम के बदले अनाज’ जैसी योजनाएं प्रारम्भ की, जो देश के अन्य राज्यों में भी अपनाई गईं।

संविधान के दायरे में करें काम  

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने संवैधानिक पदों पर रहे राजस्थान की विभूतियों के कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग संविधान के दायरे में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सुदूर आदिवासी क्षेत्र से आते हुए राष्ट्रपति मुर्मु आज देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रही हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।

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