विद्याधर का बाग में फर्जीवाड़ा: बिना टिकट करवा रहे पर्यटकों की एंट्री तो पैसा किसकी जेब में?

पैसे लिए जेब में रखे, टिकट मांगा तो बोले-चले जाओ। कोई नहीं रोकेगा और बिना टिकट हो गई एंट्री।

Vidyadhar Ka Bagh

(निरंजन चौधरी): जयपुर। पैसे लिए जेब में रखे, टिकट मांगा तो बोले-चले जाओ। कोई नहीं रोकेगा और बिना टिकट हो गई एंट्री। गुरुवार को फर्जीवाड़े का कुछ ऐसा ही नजारा था पुरातत्व विभाग के घाट की गूणी के पास स्थित पर्यटन स्थल विद्याधर का बाग (Tourist Place Vidyadhar Ka Bagh) में। सच बेधड़क संवाददाता ने शाम को टिकट व्यवस्था के हालात जाने तो पता चला कि शाम को 4 बजे तक टिकट खिड़की से केवल तीन पर्यटकों को ही टिकट दिया गया था, जबकि यहां दोगुने से अधिक तो मौके पर ही घूमते मिल गए। जिम्मेदारों से बिना टिकट एंट्री काे लेकर सवाल किया तो बोले कि यह स्टाफ के परिवार से हैं।

जब सच बेधड़क ने पर्यटकों से बात की तो पता चला कि यह सभी पर्यटक ही हैं, जो बिना टिकट बाग में घूम रहे हैं। इस पूरे मामले के सच का वीडियो बेधड़क के कैमरे में रिकॉर्ड है। गौरतलब है कि बाग शहर की पश्चिमी पहाड़ियों के बीच बना हुआ है, जो प्राचीनतम बागों में से एक है। यहां प्रत्येक पर्यटक से बाग घूमने के लिए 50 रुपए का शुल्क लिया जाता है। बारिश का मौसम होने के कारण यह बाग पर्यटकों को लुभा रहा है।

कर्मचारी बोले- यहां क्यों आएंगे सैलानी?

बाग में शाम को करीब चार बजे टिकट खिड़की खाली नजर आई। यहां एंट्री पॉइंट पर खिड़की छोड़कर बीड़ी पी रहे टिकट कर्मचारी से यहां की टिकट स्थिति को जानने की कोशिश की तो उन्होंने गुरुवार को के वल तीन टिकट कटने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां अव्यवस्थाएं इतनी हैं कि पर्यटक आकर क्या ही करेगा। इसके अलावा यहां झुंड बनाकर बैठे आधा दर्जन से भी अधिक कर्मचारियों से उनके बराबर भी टिकट ना कटने की बात कही तो सभी हंसने लग गए। उन्होंने कहा कि कोई अपने पचास रुपए देकर यहां क्यों ही घूमने आएगा। इस पूरे घटनाक्रम की सच बेधड़क के पास वीडियो भी उपलब्ध है।

सैकड़ों पर्यटक आते हैं घूमने

यहां बने वंस अपॉन ए टाइम रेस्टोरेंट के मैनेजर अशोक ने बताया कि यहां रोजाना सैकड़ों पर्यटक घूमने आते हैं और यहां खाना भी खाते हैं। अगर कोई ट्रयूिस्ट हमारे पास भी आता है तो हम उसका पेमेंट करते हैं। जब उनको मीडिया से होने की सूचना लगी तो बात गोल-गोल घुमाने लग गए। इनका दावा था कि प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक तो रेस्टोरेंट में ही आ जाते हैं, जिनका टिकट कटवाया जाता है। वहीं, विद्याधर का बाग के अधीक्षक नीरज त्रिपाठी ने कहा कि मेरे पास तीन संभाग का चार्ज है और अभी मैं कोटा हूं। अगर बिना टिकट के पर्यटकों को प्रवेश करवाया जा रहा है तो टिकट काटने वाले को हटाएं गे। बाकी मैं मामले की जांच करवा लेता हूं। 

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