वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में दीक्षान्त समारोह, राज्यपाल बोले वोकेशनल-प्रोफेशनल पाठयक्रमों पर दें जोर

राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचारों के मूल में शोध होते हैं, शोध मानकों को बदल कर हमें समाजोपयोगी…

Convocation ceremony at Vardhaman Mahaveer Open University, Governor said to emphasize on Vocational-Professional courses

राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचारों के मूल में शोध होते हैं, शोध मानकों को बदल कर हमें समाजोपयोगी बनाने होंगे। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा में साधारण पाठ्यक्रमों के अलावा वोकेशनल और प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की पढ़ाई पर और जोर दिया जाना चाहिए, जिससे बेरोजगारी दूर की जा सके। राज्यपाल मंगलवार को संत सुधासागर सभागार में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है। कोरोना महामारी के समय विश्वविद्यालयों में जब ताले लगे थे तो दूरस्थ शिक्षा के केन्द्र घर बैठेविद्यार्थियों को ऑनलाइन किताबें और वीडियो लेक्चर के जरिए मदद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को घर बैठे शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे तो दूरस्थ गांवों तक उच्च शिक्षा का उजियारा पहुंचेगा।

32 में से 23 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिलना शुभ संकेत 

राज्यपाल ने कहा कि समारोह में 32 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए हैं जिनमें 23 स्वर्ण पदक छात्राओं ने प्राप्त किए हैं, यह भारत के लिए शुभ संकेत है। छात्राओं को अवसर मिले तो वे देश को आगे बढ़ाने में नेतृत्व प्रदान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जो ढांचा लागू किया गया है वह वास्तव में भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को आलोकित करने वाला है। स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक इन सभी बातों का समावेश किया है। उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता को देखते हुए विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में बदलाव हो रहे हैं, इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। 

सभागार का किया लोकार्पण

विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर नवनिर्मित संत सुधासागर सभागार का लोकार्पण किया गया। सांसद एवं विधायक कोष की राशि से बने सभागार का निर्माण श्रीदिगम्बर जैन भगवान महावीर संस्थान कार्यकारी एजेंसी द्वारा कराया गया है। इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त राजपाल सिंह, पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी, ग्रामीण कावेन्द्र सिंह, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभय कुमार व्यास, तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. एसके सिंह, कोटा विश्वविद्यालय के कुल सचिव के के गोयल, सभी अधिष्ठाता, निदेशकगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

शोध का किसानों को मिले फायदा 

राज्यपाल ने कहा विश्वविद्यालयों को शोध ‘लैब-टु-लैंड‘ प्रोग्राम चलाकर किसानों के हित में अनुसंधान करते हुए उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा गांव हमारी सामाजिक भागीदारी के हिस्से हैं। विश्वविद्यालयों की ओर से गांवों को गोद लिए जाने की परंपरा शुरू की गई थी। इसके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने दीक्षार्थियों का आह्वान किया कि जो ज्ञान गुरुजनों से अर्जित किया है उससे आप अपने अंदर नैतिक गुण विकसित करें।

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