Crime News: मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट खुफिया एजेंसियों की रडार पर है। मोबाइल से लगातार बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक और अश्लील यूजर्स द्वारा शेयर किए जा रहे है। डिजिटल युग के जमाने में फोन और इंटरनेट हर किसी के पास मौजूद है। ऐसे में प्रदेश में पॉर्न देखने का ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है। यह चौंकाने वाले आंकड़े नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (एनसीएमईसी) और एनसीआरबी की रिपोर्ट में सामने आए है। वर्ष 2020 से नवंबर 2024 तक 3.81 लाख लोगों ने चाइल्ड पोर्नोंग्राफी डाउनलोड करके देखी है।
200 लोग देखे रहे चाइल्ड पोर्नोंग्राफी
औसतन प्रदेश में 200 से ज्यादा लोग चाइल्ड पोर्नोंग्राफी डाउनलोड करके देख रहे है। एनसीएमईसी व एनसीआरबी के एक विशेष सॉफ्टवेयर ने प्रदेश के लोगों को डिटेक्ट करके रिपोर्ट कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजी है।
रिपोर्ट के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस थाना एसओजी ने रिपोर्ट के आधार पर 856 लोगों के खिलाफ पोक्सो एक्ट व आईटी एक्ट के तहत किए मुकदमें दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। जबकि जबकि 3.73 लाख शिकायतों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को दी क्लीनचिट दी गई। 8 हजार शिकायतों की अभी जांच पेंडिंग है।
क्या होता है चाइल्ड पोर्नोग्राफी
बच्चों की अश्लील तस्वीरें या वीडियो जो उनके यौन शोषण या यौन गतिविधियों को दिखाते हैं। इन्हें चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में रखा जाता है। यह पूरी तरह से अवैध है। इस पर रोक लगाने के लिए इस तरह के फोटो वीडियो शेयर करने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।
बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया था। चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना पोक्सो एक्ट और आईटी एक्ट के तहत है अपराध बनता है और पुलिस इन धाराओं में मुकदमा दर्ज करके आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी।