जयपुर। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी ने कांग्रेस सरकार के सर्वे पर सवाल खड़े कर तंज कसा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अशोक गहलोत दावा कर रहे हैं कि उनके सर्वे में कांग्रेस की सरकार फिर से बन रही है लेकिन जनता अच्छी तरह से जानती है कि सरकार किसकी बन रही है। उन्होंने कहा कि सर्वे के आधार पर तो वे यह दावा कर रहे हैं लेकिन असलियत तो उनका मन जानता है।
साढ़े 4 साल तक तुष्टीकरण की राजनीति की
सीपी जोशी ने कहा कि इस सरकार ने साढ़े 4 साल तक तुष्टीकरण की राजनीति की। धर्म के आधार पर राजनीति की, भगवा फहराने पर प्रतिबंध लगाया, जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया, एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए उन्होंने यह सारे काम किए। तो यह जनता इस सरकार की कथनी और करनी को अच्छी तरह समझ रही है। उसका जवाब आने वाले चुनाव में जनता ही देगी।
जोधपुर, करौली, बारां जैसे सांप्रदायिक दंगे हुए
सीपी जोशी ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में जोधपुर, करौली,बारां जैसे दिल दहला देने वाले सांप्रदायिक दंगे हुए। दंगों से सिर्फ राजस्थान ही नहीं पूरा देश तक दहल गया लेकिन उनके अपराधियों को अभी तक सजा नहीं मिल सकी। यहां तक कि कुछ तो पकड़े तक नहीं गए। यह सरकार इन आरोपियों को संरक्षण देती है। आज राजस्थान महिला अत्याचार और दलित अत्याचारों से कराह रहा है लेकिन इस सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
महिलाएं सुरक्षित नहीं
बालोतरा और उदयपुर में रेप के बाद हत्या मामलों का जिक्र करते हुए सीपी जोशी ने कहा कि इस सरकार में राजस्थान की धरती पर महिलाओं की सिसकियां यह संदेश दे रही हैं कि आने वाले चुनाव में पार्टी का क्या हाल होगा। आज महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है।
राहुल गांधी आज ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं
सीपी जोशी ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि वो एक समाज को अपमानित करते हैं जिस पर उन्हें सजा मिलती है तो लोकतंत्र की हत्या का राग अलापते हैं। राहुल गांधी आज कर्नाटक में आरक्षण की बात करते हैं। आप इतनी दूर क्यों जा रहे हैं, राजस्थान नहीं देखा है, इन दिनों आरक्षण के लिए ही आंदोलन हो रहा है भरतपुर में। उस पर आप क्या कहेंगे। जो राहुल गांधी तमाम बड़े-बड़े वादे करके राजस्थान में आए थे और अपनी सरकार बनवा कर चले गए। उन राहुल गांधी को आज प्रदेश का और किसान ढूंढ रहा है, वो ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं।
पाक विस्थापितों का मकान तोड़ना असंवेदनशीला, समझौते के खिलाफ
सीपी जोशी ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू मंदिर को तोड़ा जाए समझ में आता है, लेकिन भारत में ही राजस्थान में अगर मंदिरों को तोड़ा जाता है तो यह किसी के गले नहीं उतरता। जोधपुर में तो पाक विस्थापितों को जो वहां के एक वर्ग विशेष से व्यथित होकर और अपनी जान बचाकर यहां पर आए, उनके घरों तक को इस सरकार ने तोड़ दिया। जबकि नेहरू-लियाकत समझौता के तहत यह स्पष्ट किया गया था कि देश के विभाजन के बाद कोई अल्पसंख्यक अगर पाकिस्तान में है और वह अगर प्रताड़ित हो रहा है तो वह भारत आ सकता है, सरकार उसे सुविधा देगी लेकिन यह सरकार जो इनके साथ कर रही है। उसका खामियाजा तो इन्हें भुगतना ही होगा।