उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल की नृशंस हत्या (kanhaiya Murder Case) के मामले में NIA ने बबला उर्फ फरहाद शेख से कड़ाई से पूछताछ की तो और भी कई सच सामने आए। NIA के सूत्रों ने बताया कि दहशतगर्दों की पूरी टीम उदयपुर में लंबे समय से प्लानिंग में जुटी थी। कन्हैया की जान लेने वाले रियाज अत्तारी (riyaz attari ) और गौस मोहम्मद (gos mohammad) भी इसी योजना का अहम हिस्सा थे। देश में पैंगबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद जब बवाल मचा तो यह टीम उदयपुर में एक्टिव हो गई। तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से जो भी निर्देश इनको दिए गए, उस पर काम करने में जुट गए। उनसे नुपूर के पक्ष में समर्थन करने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने का फरमान आया। फरहाद, गौस, रियाज और टीम ने ऐसे लोगों की रेकी की। बबला ने युवा गैंग को इस काम में लगाया। जो भी सूचना उनके पास आती, उन्हें ये लोग जेहादी वाट्सएप ग्रुप्स पर अपडेट करते थे।
16 जून को कन्हैया और अन्य लोगों की हत्या की प्लानिंग
उदयपुर में गौस और रियाज की मौजूदगी में फरदाह उर्फ बबला ने 16 को मीटिंग बुलाई और इसमें उन लोगों के बारे में चर्चाएं की गईं, जिन पर पिछले कई दिनों से इनकी पूरी टीम नजर रखे हुए थी। उन्होंने यहीं से नुपूर का समर्थन करने वाले लोगों की हत्या के बारे में प्लानिंग पर काम किया। पहले चरण में पांच से सात लोगों को निशाना बनाने पर सहमति बनी। इनको डराने-धमकाने के साथ हमला करने और हर घटना की फूलप्रुफ रिकॉर्डिंग के बारे में बबला ने योजना साझा की। इसमें वीडियो बनाने, ऑडियो संदेश वायरल करने जैसे नापाक मंसूबे शामिल थे।
ऐसे लोगों को जोड़ रहे जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक दावत-ए-इस्लामी जैसे संगठन इस्लाम की आड़ में नफरत का सबक ऐसे युवाओं के बीच बांट रहे हैं, जिनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे युवाओं पर अचानक किसी की नजर भी नहीं जाती। ये अपनों के बीच में रहकर आतंक और नफरत के बीज बोते रहते हैं और उनके आका उनको पोषित करने का काम करते हैं। केन्द्र और राज्य की सरकारों के समक्ष ये बड़ी चुनौती होगी कि वे कैसे युवाओं को भटकने से रोकें और देश के खिलाफ हथियार बनने से भी।
कोई एंगल बाकी नहीं छोड़ रही एनआईए
एनआईए जांच में मिले सभी एंगलों की कड़ी से कड़ी जोड़कर यह पता करने की कोशिश कर रही है कि देश में ऐसे कितने लोगों को रडार या टारगेट पर लेने का फरमान जारी किया गया। कौन-कौन इस तरह की साजिश को रचने में शामिल हैं। फिलहाल उदयपुर से ही सात साजिशकर्ताओं को एनआईए ने पकड़ा है। इससे उनको पता चल गया कि ये नेटवर्क छोटा और आसान नहीं है। जांच एजेंसी सारी परतों को उधेड़ने में लगी है। आने वाले दिनों में कई और भी खुलासे होंगे।
शांत शहर में आतंक की जड़ें चिंताजनक
सूत्रों की मानें तो अब तक की जांच में देश और राज्य की सुरक्षा व जांच एजेंसियों ने ये तो पता लगा लिया कि दहशतगर्दों ने उदयपुर जैसे शांत शहर को क्यों चुना। वह इसलिए कि यहां पर उनके नेटवर्क पर किसी का एकदम ध्यान नहीं जाएगा। जिस तरह का शहर उदयपुर है, वहां ऐसी गतिविधियां अंदरखाने संचालित हो सकती हैं, इसके बारे में किसी को अंदाजा नहीं होगा। ऐसे में जेहादियों की ऐसी नापाक सोच और मानसिकता को भी सामने लाना होगा। देश में ऐसे कितने ही शहर होंगे, जहां पर इस तरह की साजिशों का ताना-बाना बुना जा रहा है।