कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में इस वर्ष अगस्त माह में 16.9 लाख सब्सक्राइबर्स जुड़े। यह आंकड़ा पिछले वर्ष अगस्त माह में जुड़े सब्सक्राइबर्स से करीब 14.4 फीसदी अधिक है। सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इनमें से लगभग 9.9 लाख कर्मचारियों ने पहली बार ईपीएफओ ज्वॉइन किया है।
सर्वाधिक 18 से 25 आयु वर्ग के कर्मचारी जुड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने जानकारी दी कि संगठन से जुड़ने वाले नए कर्मचारियों में से 58.3 फीसदी की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच है और उनकी कुल संख्या करीब 5.7 लाख है। न केवल अगस्त माह बल्कि जुलाई माह में भी भारी संख्या में नए कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़े थे। इस वर्ष जुलाई माह में 18.2 लाख नए यूजर्स जोड़े गए थे। इनमें से 57.7 फीसदी (यानि करीब 10.6 लाख) कर्मचारी 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के थे।
यह भी पढ़ें: इंसानी लालच के चलते कचरे के ढेर में बदलता जा रहा है ‘मंगल’
पीएम मोदी ने भी दिया आंकड़ों का हवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘रोजगार मेला’ का शुभारंभ करते हुए ईपीएफओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की रोजगारपरक नीतियां फायदेमंद रही हैं और इसके परिणामस्वरूप अधिक से अधिक लोग संगठित उद्योग जगत से जुड़ रहे हैं। श्रम मंत्रालय ने भी कहा कि यह वृद्धि अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि यह “अर्जन क्षमता के मामले में एक व्यक्ति की क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण चरण और उनकी शिक्षा के बाद बड़ी संख्या में संगठित कार्यबल में शामिल होने का संकेत देती है।”
यह भी पढ़ें: Old coin sell ऐसे सिक्के आपको घर बैठे बना देंगे करोड़पति, यहां जानें बेचने का सही तरीका
अगस्त के पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण ने अगस्त में 3. 63 लाख की शुद्ध महिला नामांकन की ओर इशारा किया, जिसमें हर वर्ष 22. 6 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि, यह आंकड़ा पिछले महीने की तुलना में कम था, जिसमें महिला सदस्यों का शुद्ध नामांकन 4. 1 लाख था, जो जुलाई 2021 की तुलना में 34. 8 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार जुलाई 2022 में महिला श्रमिकों का नामांकन कुल नामांकन का लगभग 27.5% था, जो कि पिछले वर्ष में भी सबसे अधिक था, इससे अंदाजा लगता है कि किस तरह देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।