फ़टे ग्लव्ज,पुराने बल्ले से प्रैक्टिस की,अब राज्य स्तर पर जीता ब्रॉन्ज मेडल,ऐसी है बाड़मेर टीम की संघर्ष की कहानी

Sports News: पश्चिम राजस्थान के अंतिम छोर पर बसे बाड़मेर जिले की सरकारी स्कूलें, यहां न तो प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड हैं, न बॉल न…

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Sports News: पश्चिम राजस्थान के अंतिम छोर पर बसे बाड़मेर जिले की सरकारी स्कूलें, यहां न तो प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड हैं, न बॉल न ही मेट। पुराने व टूटे बैट और मिट्टी से बने मैदान। फिर भी सरकारी स्कूल के क्रिकेट खिलाड़ियों ने राज्य स्तर पर पहली बार खेलते हुए तीसरी पोजिशन हासिल की है।

राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता से लौटने पर बाड़मेर में भव्य स्वागत किया गया। एनआईएस कोच भवेंद्र जाखड़ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों ने लेदर बॉल से पहली बार क्रिकेट खेला। धनाऊ में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस का शिविर लगाया गया। यहां पर पुराने खिलाड़ियों से मांग कर ग्लव्ज, स्टम्प, पैड व बल्ले लाए और उससे प्रैक्टिस करवाई, इसमें स्थानीय कोच लूणाराम की सराहनीय भूमिका रही।

स्टेट लेवल पर उदयसिंह सिद्धार्थ, कोच मोबिन खां, दलाधिपति अजयपालसिंह, दल प्रभारी शिशुपालसिंह ने खिलाड़ियों को खेल के गुर सिखाने के साथ ही हौसला अफजाई की। स्टेट लेवल पहली बार खेलने के बावजूद इन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। इस दौरान कई जिलों की दिग्गज और सुविधा संपन्न टीमों को हराया और अंडर-19 क्रिकेट में अपना स्थान बनाया।

बाड़मेर जिले की इस क्रिकेट टीम में 16 में से 14 खिलाड़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं और इनमें से 12 बॉर्डर क्षेत्र की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र हैं। सरकारी स्कूलों में खेल की सुविधाओं के नाम पर पीईईओ को साल के 25 हजार रुपए का फंड मिलता हैं। ऐसे में अन्य खेलों पर खर्च होने के बाद कुछ भी राशि नहीं बचती हैं। क्रिकेट जैसे महंगे खेल के लिए ग्रामीण क्षेत्र की सरकारी स्कूलों में सामग्री खरीदना बूते से बाहर हैं।

ऐसी विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद बॉर्डर पर स्थित बुरहान का तला स्कूल में कार्यरत पीटीआई, पूर्व रणजी खिलाड़ी, स्टेट सलेक्टर व एनआईएस कोच भवेंद्र जाखड़ ने इन सरकारी स्कूलों से एक एक खिलाड़ियों का चुनाव किया और फिर उन्हें तराशकर स्टेट लेवल का खिलाड़ी बनाया। इस बार चुरू में हुई राज्य स्तरीय अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता में इन नए खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया।

बाड़मेर की टीम ने सीकर, बीकानेर, उदयपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जयपुर की दोनों टीमों को पछाड़ तीसरा स्थान हासिल किया। राजस्थान पीटीआई में चार एनआईएस कोच हैं। इनमें से एक भवेंद्र जाखड़ हैं। संभाग स्तर पर जाखड़ एकमात्र एनआईएस कोच हैं। 2014 में इन्होंने क्रिकेट में एनआईएस डिप्लोमा किया। यह ​डिप्लोमा एक तरह से खेल में आईआईटी के समान हैं।

इसमें हार्ड फिजिकल, एकेडमिक क्वालिफिकेशन व इंटरव्यू होता हैं। इसके बाद उसका चयन किया जाता है। जाखड़ पूर्व रणजी खिलाड़ी भी हैं, 2019 में अंडर-19 क्रिकेट टीम के जिला सलेक्शन कमेटी के संयोजक, 2021 में पोकरण अंडर 17 टीम में नेशनल कमेटी में सलेक्टर, 2023 में अंडर 17 के नेशनल कोच व 2024 में अंडर 19 बॉयज टीम के सलेक्टर रहे हैं।