Dengue Fever: राजस्थान में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है और इससे जुड़े गंभीर स्वास्थ्य खतरों को नज़र अंदाज किया जा रहा है. जयपुर में अब तक डेंगू के केस 300 से पर पहुंच गए जबकि स्क्रब टाइफस के अब तक 127 कैसे मिले हैं इन मामलों में पाली और दौसा जिलों में एक-एक मौत के मामले सामने आए हैं.
बच्चों में फैल रहा डेंगू का वायरस
एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में डेंगू वायरस बच्चों में ज्यादा फैल रहा है जेके लोन अस्पताल की बात करें तो अब तक 27 डेंगू के केस सामने आ गए जिम बच्चों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है.
जागरूकता अभियान के साथ फॉगिंग
जयपुर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ. नरोत्तम शर्मा ने जानकारी दी कि डेंगू की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने भी विभिन्न कदम उठाए हैं। सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं और केवल प्रशिक्षित चिकित्सकों से ही उपचार लें. इसके अलावा, मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा फॉगिंग और अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं, ताकि डेंगू के प्रसार को रोका जा सके. वहीं राजधानी जयपुर र में डेंगू बेकाबू होता नजर आ रहा है. मरीजों की संख्या 1000 पार कर गई है. अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं. जगतपुरा में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। जगतपुरा में 47, शास्त्री नगर में 45, प्रतापनगर में 38, चारदीवारी में 41, मालवीय नगर में 36, झोटवाड़ा में 50 और वैशाली नगर से 38 मामले सामने आ चुके हैं.
राजस्थान में डेंगू के कहां कितने मामले सामने आए
राजस्थान में बढ़ते डेंगू के मामलों में अब तक उदयपुर में 540 मामले सामने आए, बीकानेर में 315 मामले सामने आए, दौसा में 200 मामले सामने, आए दौसा में 173 मामले सामने आए. अलवर में 125 मामले सामने आए, अजमेर में 124 मामले सामने आए.
डेंगू के लक्षण और उपचार
डेंगू के लक्षण अचानक तेज बुखार से शुरू होते हैं. यह बुखार गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द के साथ आता है. इसके अलावा, थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. हल्के रक्तस्राव जैसे नाक और मसूड़ों से खून आना भी डेंगू के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं. यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार है, तो उसे तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर सामान्यतः प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करते हैं, क्योंकि डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है अगर समय रहते उपचार नहीं लिया जाता, तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
डेंगू से बचाव के तरीके
डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि मच्छरों के काटने से खुद को सुरक्षित रखा जाए. इसके लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें और घर के आसपास साफ पानी जमा न होने दें. रुके हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं, जिससे उनका प्रजनन होता है. घर से बाहर जाते समय पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें. यदि आपको डेंगू के लक्षण महसूस होते हैं, तो जल्द से जल्द चिकित्सकीय परामर्श लें. इस मौसम में तेज बुखार को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.