नीरो। रोम में पुरातत्वविदों ने नीरो के थिएटर वाला खंडहर खोज लिया है, जिसका प्राचीन रोमन ग्रंथों में व्यापक रूप से वर्णन है। इसका पता अभी तक काफी अस्पष्ट रहा था। इस थिएटर का नाम नीरो क्लॉडियस सीजर ऑगस्टस जर्मेनिकस के नाम पर रखा गया है, जो 54 ईस्वी से लेकर 68 तक अपनी मृत्यु तक रोमन सम्राट रहा। माना जाता है कि यह वही जगह है जहां नीरो ने कविता का अभ्यास किया और संगीत का प्रदर्शन किया।
नीरो मौत के सैकड़ों साल बाद भी सबसे कुख्यात शासकों में से एक है। नीरो को लेकर एक कहावत बेहद मशहूर है। ‘जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था’, आज भी गैरजिम्मेदार नेता के लिए इस कहावत का प्रयोग होता है। यह कहावत सच भी है और इस भयंकर आग में पूरा रोम जल गया था।
रोम के पैसे का बड़े पैमाने पर किया दुरुपयोग
नीरो के नेतृत्व को बेहद अत्याचार भरा माना जाता है। उसने कथित तौर पर अपनी मां और दो पत्नियों की हत्या कर दी और रोम के पैसे का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया। उसे सात तारों वाले एक वाद्ययंत्र को बजाने का शौक था। उसने थिएटर में कला का प्रदर्शन भी किया। शोधकर्ताओंने इमारत के खंडहरों के बीच बिखरी विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का पता लगाया है।
यह मिला खुदाई में जो वस्तुएं खुदाई में मिलीं
उनमें सात मध्ययुगीन कांच के प्याले, माला में इस्तेमाल की जाने वाली हड्डी के टुकड़े, मिट्टी के बर्तन, कलश, रोटी पकाने का बर्तन, सिक्के, हड्डी से बनी कंघी और संगीत वाद्ययंत्र के कई टुकड़े मिले थे। थिएटर के शेष वास्तुशिल्प तत्वों के लिए पुरातत्वविदों ने सोने की पत्ती से सजाए गए संगमरमर के स्तंभों और प्लास्टर का पता लगाया है।
ये खबर भी पढ़ें:-देश में सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने पर मिलेगी 50% वित्तीय मदद, ‘Semicon India’ में PM मोदी की घोषणा