जयपुर। विभिन्न बोर्ड्स की 10th, 12th की परीक्षाओं व जेईई-मेंस के रिजल्ट के बाद लाखों स्टूडेंट अपने लिए बेस्ट सूटेबल ऑप्शन ढूंढने की जद्दोजहद में लगे हैं। परीक्षाएं पास करने के बाद अपने लिए बेस्ट कॅरियर पाथ ढूंढना बहुत पेचीदा काम है, खास कर तब जब स्टूडेंट के सामने बहुत सारे ऑप्शन खुले हों। ऐसे में ऑनलाइन व ऑफलाइन उपलब्ध साइकोमेट्रिक टेस्ट स्टूडेंट्स की मदद कर सकते हैं। इन टेस्ट्स में स्टूडेंट की स्किल, स्ट्रेंथ, वीकनेस आदि का डिटेल एनालिसिस कर उसके लिए बेस्ट सूटेबल ऑप्शन का सुझाव दिया जाता है जो स्टूडेंट्स की उलझन को आसानी से कम कर सकता है। इन टेस्ट से स्टूडेंट अपनी छुपी हुई प्रतिभा और स्किल्स को पहचान कर अपने लिए बेस्ट डिसीजन ले सकते हैं।
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आइडियल कॅरियर टेस्ट
इस टेस्ट से किसी भी स्टूडेंट की हॉबीज, स्किल्स, वैल्यूज, नेचुरल स्ट्रेंथ और पर्सनलिटी के आधार पर उसके लिए बेस्ट सूटेबल कॅरियर का निर्धारण किया जाता है। इस टेस्ट का उद्देश्य उन प्रोफेशन्स और वर्किंग कल्चर्स का पता लगाना है जो किसी स्टूडेंट के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होंगे। इससे स्टूडेंट्स को अपनी इनर पर्सनलिटी का पता चलता है, अपनी विशेष क्षमताओं के बारे में जानकारी मिलती है और इस आधार पर वे अपने लिए बेस्ट कॅरियर का चुनाव कर सकते हैं। यह टेस्ट इंजीनियरिंग, बिजनेस मैनेजमेंट, सीए, कम्प्यूटर एप्लीकेशंस, लैंग्वेजेस जैसी पढ़ाई कर चुके स्टूडेंट्स के लिए बेहद काम का साबित हो सकता है क्योंकि इस टेस्ट के माध्यम से ये स्टूडेंट्स अपने लिए मोस्ट सूटेबल इंडस्ट्री चुन सकते हैं और उसी में आगे बढ़ सकते हैं। आइडियल कॅरियर टेस्ट पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को उनके लिए बेस्ट कॅरियर्स से संबंधित रिपोर्ट मिलती है जिसके आधार पर वे डिसीजन ले सकते हैं।
ह्यूमैनिटीज कॅरियर सलेक्टर टेस्ट
10th तक की पढ़ाई के बाद ह्यूमैनिटीज को अपनी स्ट्रीम चुनने वाले स्टूडेंट्स भविष्य में सिविल सर्विसेज, एजुकेशन, रिसर्च आदि क्षेत्रों में बेहतर कॅरियर बना सकते हैं। लेकिन किसी स्टूडेंट के लिए ह्यूमैनिटीज के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जरूरी स्किल्स हैं या नहीं ये जानने के लिए ह्यूमैनिटीज कैरियर सलेक्टर टेस्ट किया जाता है। यह एक स्पेसिफिक टेस्टिंग टूल है जो स्टूडेंट्स के ह्यूमैनिटीज से संबंधित स्किल्स, पर्सनलिटी और स्ट्रेंथ का पता लगाता है और स्टूडेंट्स को इनसाइट्स उपलब्ध कराता है। इस टेस्ट में ओवरऑल एग्जामिनेशन के साथ ही ह्यूमैनिटीज के ही विभिन्न सब्जेक्ट्स जैसे साहित्य, इतिहास, दर्शन, कला, संस्कृति, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र आदि के लिए स्पेसिफिक एग्जामिनेशन किए जाते हैं जिनसे स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट चुनने में मदद मिल सकती है।
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इंजीनियरिंग स्ट्रीम सलेक्टर टेस्ट
इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट्स के सामने स्ट्रीम का चयन एक बड़ी समस्या है। हर स्टूडेंट को उसकी मनपसंद स्ट्रीम में प्रवेश मिल जाए यह संभव नहीं और वर्तमान में नई स्ट्रीम्स की भरमार के चलते स्ट्रीम चुनने का काम काफी पेचीदा हो गया है। ऐसे में इंजीनियरिंग स्ट्रीम सलेक्टर टेस्ट स्टूडेंट्स की मदद कर सकता है। इस टेस्ट का इंजीनियरिग के क्षेत्र में उपयुक्त स्ट्रीम्स या सब्जेक्ट्स की खोज और पहचान करने में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इंजीनियरिंग के विभिन्न स्ट्रीम्स जैसे मैके निकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, केमिकल, कंप्यूटर, एयरोस्स पे इंजीनियरिंग आदि में स्टूडेंट की स्किल्स का आंकलन करके परीक्षण शुरू होता है।
यह मशीनों, संरचनाओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर या विशिष्ट अनप्रुयोगों के साथ काम करने के लिए उनकी प्राथमिकताओं की पड़ताल करता है। इसमें स्टूडेंट की प्रोब्लम सोल्विंग, मैथेमेटिकल कैल्कुलेशन, तकनीकी ज्ञान, डिजाइन थिंकिंग, प्रोग्रामिंग या प्रयोगशाला कार्य की क्षमताओं को जांच जाता है। साथ ही तार्किकता, विस्तार पर ध्यान, रचनात्मकता, समस्या को सुलझाने के दृष्टिकोण जैसे आयामों के टेस्ट से पर्सनलिटी एनालिसिस होता है।
कॉमर्स कॅ रियर सलेक्टर टेस्ट
कॉमर्स कॅ रियर सलेक्टर टेस्ट का उपयोग कॉमर्स की स्ट्रीम में आगे बढ़ने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स की स्किल्स को टेस्ट करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट कॉमर्स से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे एकाउंटिंग, फाइनेंस, डिस्ट्रीब्यूशन, इकोनोमिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट आदि में स्टूडेंट की स्किल्स का आंकलन करके शुरू होता है। यह इन विषयों से जुड़ने के लिए उनकी प्राथमिकताओं की पड़ताल करता है और विशेष रुचि के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है।
यह टेस्ट स्टूडेंट्स को कॉमर्स क्षेत्र के भीतर अपनी रुचियों को पहचानने और संभावित कॅरियर पथों की पहचान करने में सहायता करता है। इसमें विशेष रूप से स्टूडेंट्स की मात्रात्मक विश्लेषण, वित्तीय प्रबंधन, समस्या समाधान, संचार, नेतृत्व और उद्यमिता की क्षमताओं का आंकलन किया जाता है। इसमें स्टूडेंट के व्यक्तित्व लक्षण पर विशेष फोकस किया जाता है। स्टूडेंट इस टेस्ट की मदद से अपनी पर्सनलिटी प्रोफाइल को समझकर कॉमर्स कॅ रियर की पहचान कर सकते हैं।
स्किल बेस्ड कॅरियर टेस्ट
स्किल बेस्ड कॅ रियर टेस्ट एक ऐसा टूल है जो हर उस स्टूडेंट के काम का हो सकता है जो अपने लिए एक सूटेबल कॅरियर चुनने में कन्फ्यूज है या कोई बिजनेस करना चाहता है लेकिन उसे पता नहीं लग पा रहा कि उसे कौनसा बिजनेस करना चाहिए। इसे स्टूडेंट्स को उनके यूनिक स्किल और कैपेबिलिटी के आधार पर बेस्ट सूटेबल कॅरियर की पहचान करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह टेस्ट विभिन्न व्यवसायों और उद्योगों के लिए प्रासंगिक कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला का आकलन करके शुरू होता है। तकनीकी कौशल जैसे प्रोग्रामिंग, डेटा विश्लेषण, या इंजीनियरिग के साथ संचार, समस्या-समाधान, नेतृत्व या रचनात्मकता जैसे सॉफ्ट स्किल्स का टेस्ट किया जाता है।
टेस्ट के परिणामों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार होती है जिसमें स्टूडेंट के लिए संभावित कै रियर पथों की रूपरेखा होती है जो उसकी स्किल्स से मेल खाते हैं। यह टेस्ट हाई स्कूल के छात्रों को उनकी स्किल के अनुरूप शैक्षिक मार्ग चुनने में सहायता कर सकता है, कॉलेज के छात्रों को स्पेशलाइजेशन चुनने में मार्गदर्शन कर सकता है और स्टार्टअप एन्थुसियास्ट यूथ को उनके स्टार्टअप का आइडिया चुनने में मदद कर सकता है।