हज यात्रा इस्लाम धर्म की सबसे पवित्र यात्रा है। हर साल लाखों हजयात्री मक्का जाते हैं। जिस तरह हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा को सबसे कठिन और पवित्र माना जाता है, उसी तरह इस्लाम धर्म में मक्का मदीना की यात्रा करना सौभाग्य माना जाता है। हर मुस्लिम व्यक्ति की कामना होती है कि वह जीवन में कम से कम एक बार तो मक्का मदीना की यात्रा करे। ये दोनों अलग-अलग इस्लामी शहर है। हालांकि नाम से मालूम चलता है कि यह एक ही नगर है।
मक्का इस्लाम धर्म का सबसे प्रमुख तो मदीना दूसरा मुख्य और पवित्र शहर है। हिंदू, ईसाई और सिक्ख धर्म की तरह इस्लाम भी दुनिया का प्रमुख धर्म है। इस्लाम धर्म के कई लोग हज यात्रा पर जाते हैं। यहां काबा तीर्थ और मस्जिद-अल-हरम स्थित है। यह विश्व की सबसे विशाल मस्जिद है। जो कि वार्षिक हज तीर्थयात्रा के लिये प्रसिद्ध है। यह यात्रा इस्लाम के पांच स्तम्भों में से एक है। इसके बारे में विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…
7वीं सदी में बना व्यापारिक केंद्र
इस शहर की स्थापना नबी इस्माईल के वंश द्वारा की गई थी। 7वीं शताब्दी में पैगम्बर मुहम्मद ने इस शहर में इस्लाम की घोषणा की थी। इस तरह यह इस्लामी शहर बन गया था। इसके बाद यह शहर महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र बन गया। इस प्रकार यह इस्लाम धर्म का मुख्य और पवित्र शहर बन गया। इस्लाम के प्रारम्भिक इतिहास के तौर पर इस नगर को जाना जाता है। पैगम्बर मुहम्मद ने इस शहर को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
966 ईस्वी से लेकर वर्ष 1924 तक इस स्थानीय शरीफ़ द्वारा इस शहर का नेतृत्व किया जाता था। इसके बाद वर्ष 1924 में मक्का पर सउदी अरब ने नियंत्रण तक लिया। इस तरह यह सऊदी अरब के शासन के अधीन आ गया। इसी शहर में इस्लाम धर्म के पहले प्रवर्तक पैगम्बर मुहम्मद का जन्म हुआ था। यह शहर सउदी अरब के हेजाज़ क्षेत्र में स्थित है।
17 लाख यहां की आबादी
इस शहर की आबादी वर्ष 2008 के अनुसार 17 लाख है। यहां हर वर्ष लगभग 40 लाख हजयात्री आते हैं। जेद्दा से यहां की दूरी 73 किलोमीटर है। यह शहर समुद्र तल से 277 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यहां उस्मानी साम्राज्य के शासन काल से शिक्षा की शुरूआत हुई। जेद्दा के व्यापारी मुहम्मद अली ज़यनल रिदा ने इस शिक्षा को विकसित करने में अधिक योगदान दिया। उन्होंने वर्ष 1911-12 में मदरसातुल-फलाह की स्थापना की थी। यहां की शिक्षा प्रणाली बहुत मजबूत है। वर्ष 2005 के अनुसार यहां कुल 532 विद्यालय थे। इनमें शिक्षा का मुख्य माध्यम अरबी है तथा दूसरी मुख्य भाषा के रूप में अंग्रेज़ी की शिक्षा दी जाती है।
मक्का का प्राचीन नाम
इस नगर का प्राचीन नाम बक्काह था। इसे बाका, बाकाह् तथा बेकाह नाम से जाना जाता था। इस शब्द को मक्का का पर्याय माना जाता है। अब बात करें काबा की तो यह एक घनाकार इमारत है, जिसे इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। दरअसल काबा अल्लाह के लिए बनाया गया पहला प्रार्थनागृह है। इसकी स्थापना इब्राहिम और इनके बेटे इस्माइल ने की थी।
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