US ने प्रस्ताव पास कर चीन को दिया बड़ा झटका…भारत का ही है अरुणाचल

अमेरिकी कांग्रेस की सीनेटरियल कमेटी ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है।

PM Modi 5 | Sach Bedhadak

वाशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस की सीनेटरियल कमेटी ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव गुरुवार को सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हेगर्टी, टिम काइन और क्रिस वान होलेन ने पेश किया। प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिका मैकमोहन रेखा को चाइना और अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है। एक बयान में कहा गया है कि यह चीनी दावों को खारिज करता है कि अरुणाचल का बड़ा हिस्सा पीआरसी क्षेत्र है, जो ड्रैगन की आक्रामक व विस्तारवादी नीतियों का एक हिस्सा है।

यह खबर भी पढ़ें:- सीमा पार आतंकवाद खत्म करने की जरूरत : पीएम मोदी

चीन पर कांग्रेस के कार्यकारी आयोग के सहअध्यक्ष सीनेटर मर्कले ने कहा, ‘अब यह प्रस्ताव पूर्ण मतदान के लिए सीनेट में जाएगा। सहअध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले सीनेटर मर्कले ने कहा, ‘स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले अमेरिका के मूल्य संबंधों के केंद्र में हों, खासकर जब सरकार वैकल्पिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है।’ 

चीन ठोकता रहा है इस प्रदेश पर दावा

सीनेटर कॉर्निन ने कहा, ‘जैसा कि भारत और चीन के बीच उनकी साझा सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है, अमेरिका को स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करके लोकतंत्र की रक्षा में मजबूती से खड़ा होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करेगा कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में मान्यता देता है और मैं अपने सहयोगियों से इसेबिना देरी के पारित करने का आग्रह करता हूं।’ गौरतलब है कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोकता रहा है। वहां के गृह मंत्रालय ने अप्रैल में अरुणाचल के 11 जगहों के नाम बदले थे। साल 2018 और 2021 में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई जगहों के परिवर्तित नामों की सूची जारी की थी।

यह खबर भी पढ़ें:- PM मोदी को सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से नवाजा, बैस्टिल परेड में हुए शरीक

समान विचार वाले साझेदारों के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध

सीनेटर मर्क ले ने कहा, ‘इस प्रस्ताव के पारित होने से समिति पुष्टि करती है कि अमेरिका, भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में देखता है- न कि चीन के। अमेरिका समान विचार रखने वाले अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ इस क्षेत्र में समर्थन और सहायता को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ हेगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है, अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक भागीदारों- विशेष रूप से भारत और अन्य क्वाड सदस्यों के साथ कं धे से कं धा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *