Jaipur: आखिरकार माने मंत्रालयिक कर्मचारी, 64 दिन बाद हड़ताल खत्म…विभागों में लौटी रौनक

पिछले 64 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारी आज से काम पर लौट आए है।

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जयपुर। पिछले 64 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारी (Ministerial employees) आज से काम पर लौट आए है। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट, डीएसओ ऑफिस सहित जिला परिषद में भी रौनक लौट आई है। यहां पिछले दो महीने से मंत्रालयिक कर्मिचारियों की हड़ताल के चलते कामकाज अटका हुआ था। लेकिन, सोमवार देर रात मंत्रालयिक कर्मियों ने आंदोलन खत्म कर दिया। सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीओपी के प्रमुख सचिव हेमंत गेरा और कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुए लिखित समझौते के बाद महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। आंदोलन की समाप्ति पर प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। प्रदेश के हजारों कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी होने पर मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की।

लिखित में हुआ समझौता

कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ करीब 6 घंटे तक चली वार्ता में प्रमुख सचिव हेमंत गेरा ने कर्मचारियों को अंतिम निर्णय करने के लिए कहा। इस पर कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने लिखित में समझौता पत्र देने की बात कही। समझौता पत्र देने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी।

इन मांगों पर बनी सहमति

-वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 2800 के स्थान पर 3600 होगी।
-योग्यता ग्रेजुएशन करने पर कमेटी का होगा गठन।
-अन्य मांगों पर जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे।

पुलिस से भी भीड़े आंदोलनकारी कर्मचारी

उससे पहले सोमवार को सैकड़ों कर्मचारियों ने शासन सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने के लिए शिप्रा पथ स्थित महापड़ाव स्थल से कूच किया था। उन्हें पुलिसकर्मियों ने सी-स्कीम चौराहे पर बेरिकेडिंग, वाटर केनन लगाकर रोक दिया गया। इससे कर्मचारी आक्रोशित हो गए। भीषण गर्मी के बावजूद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। करीब दो घंटे की नारेबाजी के बाद कर्मचारी उग्र हो गए और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान कर्मचारी और पुलिस के बीच में धक्का मुक्की भी हुई। बाद में कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को मुख्य सचिव ने वार्ता के लिए बुलाया गया। देर रात सचिवालय में मुख्य सचिव और डीओपी प्रमुख सचिव से अपनी मांगों का लिखित समझौता होने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर दी।

कई बार हुई सरकार कर्मचारियों संग वार्ता

राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने बताया कि प्रदेश भर के कर्मचारी पिछले 64 दिन से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे। प्रशासनिक स्तर पर कई बार कर्मचारियों के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया।

इन मांगों को लेकर कर रहे थे आंदोलन

कर्मचारी पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 2800 के स्थान पर 3600 करने, सहायक प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4800, प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 6600 और संस्थापन अधिकारी की ग्रेड पे 7600 करने, 2013 में किए गए प्रारंभिक वेतन 9840 को पुनर्स्थापित करने, पंचायती राज संस्थाओ में अधीनस्थ विभागों के लिए पदोन्नति के पद सृजित करने, अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग में वरिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक के पदों का 31 और 40% करने, मंत्रालयिक संवर्ग के लिए 25% पदोन्नति का कोटा और सीधी भर्ती में 12.5 प्रतिशत कोटा निर्धारित करने को लेकर आंदोलन कर रहे थे।

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